Sengol controversy: 18वीं लोकसभा सत्र के तीसरे दिन संसद में स्थापित किए गए सेंगोल पर संग्राम शुरू हो गया। समाजवादी पार्टी के सांसद आरके चौधरी के बयान ने इस विवाद को हवा दी। आरके चौधरी ने कहा कि संसद से सेंगोल को हटा दिया जाना चाहिए। इसकी जगह पर संविधान की एक विशाल प्रति लगाई जानी चाहिए। इसके बाद इंडिया और एनडीए ब्लॉक के नेता के बीच वार पलटवार शुरू हो गया। NDA के नेताओं ने सेंगोल को संसद में रखने को जायजा ठहराया, वहीं विपक्षी नेता आरके चौधरी के बयान की तरफदारी में करते नजर आए।
क्या कहा एसपी सांसद आरके चौधरी ने?
उत्तर प्रदेश की महाराजगंज सीट से समाजवादी पार्टी के सांसद आरके चौधरी ने कहा कि सेंगोल राजशाही का प्रतीक है। चौधरी ने कहा कि मैं अंबेडकरवादी हूं। जब से बाबा साहेब डॉ अंबेडकर ने संविधान लिखा है। जब से देश में संविधान लागू हुआ है, देश में लोकतंत्र है। लोकतंत्र का प्रतीक संविधान है। पिछली बीजेपी सरकार ने पीएम मोदी के नेतृत्व में संसद भवन में स्पीकर के आसन की दाहीने ओर ओर सेंगोल स्थापित कर दिया है।
चौधरी ने सेंंगोल का हिंदी में मतलब समझाया
समाजवादी पार्टी के सांसद ने कहा कि सेंगोल तमिल भाषा का शब्द है। इसका मतलब होता है राजदंड, इसका और मायने होता है राजा की छड़ी, इसका और आसान मतलब निकाला जाए तो होता है इसका राजा का डंडा। पहले जब राजा अपने दरबार में बैठता था तो वह फैसला करता था और डंडा पीटता था। इस देश में 555 राजाओं को सरेंडर कराकर आजादी मिली है।
संसद भवन से हटा दिया जाए सेंगोल
आरके चौधरी ने कहा कि अब देश का हर एक बालिग शख्स जो वोट देने का अधिकार रखता है तो उसके वोट से शासन प्रशासन चलेगा। ऐसे में सवाल यह उदठता है कि देश संविधान से चलेगा या राजा के डंडा से। इसलिए हमारी मांग है कि अगर लोकतंत्र बचाना है तो संसद भवन से सेंगोल को हटाया जाए। आरके चौधरी के इस बयान पर इंडिया ब्लॉक और एनडीए के सहयोगी दलों ने अपनी प्रतिक्रिया देनी शुरू कर दी।
बीजेपी नेता ने किया पलटवार
बीजेपी के प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने कहा समाजवादी पार्टी ने संसद में सेंगोल का विरोध किया पलटवार करते हुए पूछा कि अगर समाजवादी पार्टी को सेंगोल राजा दंड नजर आ रहा है तो जवाहरलाल नेहरू ने सेंगोल को स्वीकार किया था। इससे समाजवादी पार्टी का माइंडसेट पता चलता है। पहले उन्होंने रामचरित्र मानस का अपमान किया और अब वे सेंगोल का अपमान कर रहे हैं। सेंगोल भारतीय संस्कृति खासकर तमिल संस्कृति का हिस्सा है।
शहजाद पूनावाला ने कहा कि समाजवादी पार्टी की इसी मानसिकता ने दशकों तक सेंगोल को वॉकिंग स्टिक बनाकर रखा। वे न तो भारतीय संस्कृति का सम्मान करते हैं ओर ना ही तमिल संस्कृति का सम्मान करते हैं। यही वजह है कि वे एक बार फिर से सेंगोल का अपमान कर रहे हैं। शहजाद पूनावाला ने पूछा कि डीएमके पार्टी सेंगोल के इस अपमान को सपोर्ट करेगी। डीएमके को इस पर जरूर अपना स्टैंड लेना चाहिए।
अखिलेश यादव ने बताया पीएम काे रिमाइंडर
समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि मेरी पार्टी के सांसद का बयान प्रधानमंत्री के लिए रिमाइंडर हो सकता है। जब सेंगोल को संसद भवन में स्थापित किया गया था तो प्रधानमंत्री ने इसके आगे सिर झुकाया था। हो सकता है कि वह प्रधानमंत्री पद का शपथ लेते वक्त ऐसा करना भूल गए हों। हो सकता है हमारे सांसद का बयान इसी बात को याद दिलाने के लिए हो।
कांग्रेस सांसद मणिकम टैगोर ने किया चौधरी का समर्थन
कांग्रेस के सांसद मणिकम टैगोर ने भी आरके चौधरी के बयान का समर्थन किया। मणिकम टैगोर ने कहा कि सरकार हमेशा से इस तरह का खेल खेलती रही है। नए संसद भवन के उद्घाटन के दौरान सेंगोल को लेकर बहुत ड्रामा किया गया। उस समय भी हमने अपना रुख इस बात को लेकर स्पष्ट किया था। अब हमारे समाजवादी पार्टी के सहयोगी ने एक अच्छा सुझाव दिया है। मुझे लगता है कि इंडिया ब्लॉक की मीटिंग में इस पर चर्चा की जानी चाहिए और यह मांग सभी को साथ मिलकर रखनी चाहिए।
चिराग पासवान ने कहा विवाद की राजनीति कर रहा विपक्ष
लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के सांसद चिराग पासवान ने कहा कि मेरी समझ के परे है कि आपके क्षेत्र की जनता ने आपको विकास की राजनीति करने के लिए चुना है या यहां आकर इस प्रकार की विवाद की राजनीति करने के लिए। जिस तरीके से ऐसे प्रतीकों को गलत दृष्टि में इतने दशकों से दिखाने की कोशिश की गई। आज जब हमारे प्रधानमंत्री को जब उचित सम्मान दिया जाता है, तो क्यों उन्हें इतना एतराज होता है। विपक्ष के नेता सकारात्मक राजनीति की सोच रखते हैं। एक साथ आगे बढ़ने का प्रयास करें ना कि इस प्रकार का विवादित बयान देकर बंटवारे की राजनीति करें।