Shaksgam valley:विदेश मंत्रालय (एमईए) ने गुरुवार को सियाचिन ग्लेशियर के पास हालिया चीनी गतिविधियों के संबंध में अपनी चिंता जाहिर की। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने साप्ताहिक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि शक्सगाम घाटी भारत का हिस्सा है। भारत इस क्षेत्र पर मजबूती से अपना दावा जताता आया है। भारत इस क्षेत्र को लेकर चीन की ओर से किए जा रहे किसी भी दावे को नहीं मानता। वहीं, ऑस्ट्रेलिया से दो भारतीय जासूसों को निकाले जाने की खबरों के संबंध में विदेश मंत्रालय ने टिप्पणी करने से परहेज किया और इन्हें अटकलबाजी करार दिया।
भारत 1963 के चीन-पाकिस्तान सीमा समझौते को नहीं मानता
विदेश मंत्रालय ने कहा कि 1963 के चीन-पाकिस्तान सीमा समझौते को भारत नहीं मानती। पाकिस्तान ने इस समझौते के जरिए भारत के हिस्से वाले भूखंड को चीन को सौंपने की साजिश की थी। भारत शक्सगाम घाटी को अवैध रूप से स्थानांतरित करने के किसी भी प्रयास को लगातार खारिज किया है। जायसवाल ने कहा कि भारत ने शक्सगाम घाटी में जमीनी हकीकत को बदलने के चीन के प्रयासों के खिलाफ विरोध दर्ज कराया है। भारत इस क्षेत्र में अपने हितों की रक्षा के लिए आवश्यक कार्रवाई करने का अधिकार भी सुरक्षित रखता है।
#WATCH | On Chinese activities near Siachen, MEA spokesperson Randhir Jaiswal says, "We consider Shaksgam Valley to be our territory. We have never accepted the so-called China-Pakistan boundary agreement of 1963 through which Pakistan unlawfully attempted to cede the area to… pic.twitter.com/z8atFy5m2T
— ANI (@ANI) May 2, 2024
पीओके में स्थित शक्सगाम घाटी का है रणनीति महत्व
पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (पीओके) में स्थित होने के कारण शक्सगाम घाटी रणनीतिक महत्व रखती है। भारत इस क्षेत्र में किसी भी गतिविधि पर लगातार आपत्ति जताता रहा है। हाल की सैटेलाइट तस्वीरों से पता चला है कि पीओके में सियाचिन ग्लेशियर के पास चीन द्वारा सड़क का निर्माण किया जा रहा है। बता दें शक्सगाम घाटी सियाचिन ग्लेशियर से महज 50 किलोमीटर दूर है। शक्सगाम घाटी में चीन ने सड़क बनाने का काम 2023 की गर्मियों में शुरू किया था और इस काम को पिछले साल पूरा किया गया। इस महीने भी चीन ने शक्सगाम घाटी में कुछ निर्माण कार्य किया है।
लद्दाख में भारत और चीन के बीच है विवाद
लद्दाख में भारत और चीन के बीच बीते चार साल से विवाद चल रहा है। भारत और चीन के बीच इस विवादा को सुलझाने के लिए दोनों देशों के बीच कई चरणों में कमांडर स्तर की बातचीत हो चुकी है।भारत और चीन सीमा को लाइन ऑप एक्चुअल कंट्रोल(एलएसी ) कहा जाता है। एलएसी परअक्सर झड़पें होती रहती हैं। साल 2020 में लद्दाख के पास गलवान घाटी में हुई झड़प में 20 भारतीय सैनिक शहीद हुए थे। जबकि चीन ने अपने 4 सैनिक की मौत होने का दावा किया था। हालांकि मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, इससे ज्यादा चीनी सैनिकों की मौत हुई थी। लद्दाख में इसके बाद से ही भारी सैन्य बल तैनात है।