Karnataka: गंगावली नदी में 71 दिनों से जारी सर्च ऑपरेशन में मिली सफलता, भूस्खलन में ट्रक समेत लापता हुआ था ड्राइवर

Arjun Shirur Landslide
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अर्जुन का ट्रक 16 जुलाई की सुबह पनवेल-कन्याकुमारी राष्ट्रीय राजमार्ग पर कर्नाटक-गोवा सीमा के पास भूस्खलन की चपेट में आया था। इसके बाद बड़े पैमाने पर सर्च ऑपरेशन लॉन्च किया गया।

Karnataka Landslide: कर्नाटक के शिरूर में भूस्खलन के बाद लापता हुए अर्जुन का ट्रक 71 दिनों के लंबे सर्च ऑपरेशन के बाद बुधवार को गंगावली नदी से बरामद हुआ। इसी ट्रक/लॉरी के कैबिन में एक शव भी मिला है, हालांकि, अभी इसकी पहचान होना बाकी है। ट्रक के मालिक मुनाफ ने पुष्टि की है कि अर्जुन उसी ट्रक को चला रहा था, जब यह हादसा हुआ। यह ट्रक खोज अभियान के तीसरे फेस के दौरान ड्रेजिंग ऑपरेशन में मिला।

टीम ने खराब मौसम की चुनौतियों के बावजूद खोज जारी रखी और आखिरकार सीपी 2 क्षेत्र से ट्रक की बॉडी मिल गई। अधिकारियों ने शव को ट्रक से निकालकर किनारे लाने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। राज्य की सिद्धारमैया सरकार सर्च ऑपरेशन में ड्रेजर के इस्तेमाल का 1 करोड़ रुपए खर्च उठा रही है।

कब और कैसी हुआ हादसा?
16 जुलाई की सुबह अर्जुन का ट्रक पनवेल-कन्याकुमारी राष्ट्रीय राजमार्ग पर कर्नाटक-गोवा सीमा के पास भूस्खलन की चपेट में आया था। उस समय अर्जुन बेलगाम के रामनगर डिपो से एकेशिया लकड़ियां लेकर एदवन्ना लौट रहे थे।

2 दिन पहले मिले थे मानव कंकाल के अवशेष

  • इससे पहले सोमवार को तलाशी अभियान के दौरान मानव कंकाल के कुछ अवशेष मिले थे, जिन्हें फॉरेंसिक जांच के लिए भेजा गया है।सर्च ऑपरेशन में शामिल गोताखोर विशेषज्ञ ईश्वर मालपे ने रविवार को खोज छोड़ दी थी, उनका आरोप था कि प्रशासन और जिला पुलिस प्रमुख ने उनके साथ दुर्व्यवहार किया, जिसके चलते उन्होंने अभियान रोक दिया।
  • इस बीच, टीम ने ड्रेजर मशीन की मदद से गंगावली नदी में खोज जारी रखी। गोवा से लाए गए ड्रेजर ने गुजरात के गोताखोरों के साथ मिलकर ऑपरेशन को आगे बढ़ाया और आखिरकार ट्रक के इंजन समेत बॉडी को ढूंढ निकाला।

सर्च ऑपरेशन में आई कई चुनौतियां
अर्जुन के ट्रक की खोज 17 अगस्त को मिट्टी हटाने में आ रही परेशानी के कारण रोक दी गई थी। इसके बाद सर्च ऑपरेशन कुछ दिनों तक ठप रहा। ड्रेजर के इस्तेमाल का प्रस्ताव रखा गया, लेकिन 1 करोड़ रुपए की लागत के कारण काम नहीं हो पा रहा था। हालांकि, अर्जुन के परिवार ने जब कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया से मुलाकात की, तो राज्य सरकार ने ड्रेजर के किराए का पूरा खर्च उठाने का भरोसा दिया और तलाशी अभियान दोबारा शुरू हो पाया।

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