Shivraj Singh Chouhan Resign: मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और बुधनी से विधायक शिवराज सिंह चौहान ने सोमवार को बुधनी विधानसभा से अपना इस्तीफा दिया है। दरअसल, लोकसभा चुनाव में सांसद बनने के पहले शिवराज सिंह चौहान बुधनी विधानसभा से विधायक थे। अब जब उन्हें केंद्र में मंत्री बना दिया गया है तो उन्होंने विधायक पद से इस्तीफा दे दिया है।
"बुधनी की जनता मेरे रोम रोम में रमती है"- शिवराज सिंह
उन्होंने एक वीडियो जारी करते हुए कहा है कि आज मैं बहुत भावुक हूं। मैंने मध्यप्रदेश विधानसभा की सदस्यता से त्यागपत्र दिया है। शिवराज ने कहा है कि मैं बुधनी से विधायक था और बुधनी विधानसभा क्षेत्र की जनता मेरे रोम रोम में रमती है। मेरी हर सांस में बसती है। मैंने बुधनी से ही अपने सार्वजनिक जीवन का प्रारंभ किया था। बचपन से ही आंदोलन किए और फिर जनता का प्यार लगातार मिलता चला गया। इसी बुधनी विधानसभा क्षेत्र से मैं छह बार विधायक रहा, सांसद के चुनाव में भी छह बार इस जनता ने भारी बहुमत से मुझे जिताया।
बुधनी से की थी शुरुआत
शिवराज ने कहा कि पिछले विधानसभा का चुनाव मैंने रिकॉर्ड 1 लाख 5 हजार वोटों से जीता था और अभी लोकसभा में इसी जनता ने मुझे 8 लाख से ज्यादा वोटों से जिताया। बुधनी की जनता की सेवा मैंने पूरे मन से की है, क्योंकि जनता की सेवा ही मेरे लिए भगवान की पूजा है और इस जनता ने भी मुझे भरपूर प्यार दिया है, आशीर्वाद दिया है। जनता के इस प्यार पर मेरा पूरा जीवन न्यौछावर है और अपनी संपूर्ण क्षमता के साथ मैं जनता की सेवा में लगा रहूंगा।
बेटे को मिल सकता है टिकट
बता दें कि संविधान में प्रावधान है कि कोई भी व्यक्ति एक साथ विधायक और सांसद के पद पर नहीं रह सकता है। सांसद या विधायक बनने के बाद एक पद से 14 दिन के अंदर इस्तीफा देना होता है। शिवराज सिंह चौहान ने 4 जून के बाद सोमवार 17 जून को विधायक पद से इस्तीफा दे दिया है। अब सीट पर चुनाव लड़ने को लेकर कयास लगाए जा रहे हैं कि शिवराज के बेटे को टिकट मिल सकता है।