Logo
Shri Kalki Dham: ​​​​​​​कल्कि धाम के पीठाधीश्वर आचार्य प्रमोद कृष्णम हैं। उन्होंने मंदिर निर्माण के लिए श्री कल्कि धाम निर्माण ट्रस्ट बनाया है। आचार्य प्रमोद कृष्णम ने 18 साल पहले यह संकल्प लिया गया था कि जहां भगवान का अवतार होगा, वहां भगवान का कल्कि धाम बनाया जाएगा।

सम्भलप्राममुख्यस्य ब्राह्मणस्य महात्मन:। 
भवने विष्णुयशस: कल्कि प्रादुर्भविष्यति॥ 

अर्थात: संभल में विष्णु यश नाम के एक ब्राह्मण होंगे। उनके घर कल्कि भगवान अवतार लेंगे। श्रीमद्भागवत महापुराण के 12वें स्कंद के 24वें श्लोक में यह लिखा गया है। 

यह बात भविष्य की है। वर्तमान में आज, 19 फरवरी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी संभल में उसी जगह श्री कल्कि धाम मंदिर का शिलान्यास करेंगे, जहां कलयुग के देवता का जन्म होगा। यह दुनिया का पहला और अनोखा मंदिर है, जो किसी देवता के जन्म या अवतरण से पहले उनका धाम बन रहा है।  

18 साल पुरा संकल्प होगा पूरा
कल्कि धाम के पीठाधीश्वर आचार्य प्रमोद कृष्णम हैं। उन्होंने मंदिर निर्माण के लिए श्री कल्कि धाम निर्माण ट्रस्ट बनाया है। आचार्य प्रमोद कृष्णम ने 18 साल पहले यह संकल्प लिया गया था कि जहां भगवान का अवतार होगा, वहां भगवान का कल्कि धाम बनाया जाएगा। उनका दावा है कि यह धाम सत्ययुग से कलयुग तक की यात्रा का अनूठा उदाहरण होगा।

जानिए मंदिर की विशेषताएं

  • कल्कि धाम दुनिया का सबसे अनोखा मंदिर होगा। कल्कि धाम पहला धाम है, जहां भगवान के अवतार से पहले उनका मंदिर स्थापित किया जा रहा है।
  • इस मंदिर में एक नहीं बल्कि 10 गर्भगृह होंगे। इस मंदिर में भगवान विष्णु के दस अवतारों के दस अलग-अलग गर्भगृह स्थापित किए जाएंगे।
  • इस मंदिर का निर्माण उसी गुलाबी रंग के पत्थर से किया जा रहा है, जिसका उपयोग सोमनाथ मंदिर और अयोध्या के राम मंदिर के निर्माण में किया गया है। 
  • इस मंदिर के निर्माण में किसी भी स्टील या लोहे के फ्रेम का इस्तेमाल नहीं किया जाएगा।
  • मंदिर का शिखर 108 फीट ऊंचा होगा। मंदिर का चबूतरा 11 फीट ऊंचा बनाया जाएगा। यहां 68 तीर्थ स्थापित किए जाएंगे।
  • मंदिर का निर्माण लगभग 5 एकड़ भूमि पर किया जाएगा और इसके निर्माण में लगभग 5 साल का समय लग सकता है।

भगवान विष्णु के 10 अवतारों में एक श्री कल्कि
भगवान विष्णु के 23 अवतार धरती पर अवतरित हो चुके हैं। हालांकि उनमें से 10 अवतार प्रमुख हैं। इनमें मत्स्य, कूर्म, वराह, नरसिम्हा, वामन, परशुराम, राम, कृष्ण, बुद्ध और कल्कि शामिल हैं। धर्मग्रंथों के अनुसार, 10वां और अंतिम अवतार भगवान श्री कल्कि का है।  कलयुग की अवधि 4 लाख 32 हजार साल की है। अभी कलयुग केवल 5126 साल बीता है। दसवें अवतार का जन्म सावन माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को होगा। उस वक्त गुरु, सूर्य और चंद्रमा का एक साथ पुष्य नक्षत्र में प्रवेश होगा तब धरती पर भगवान कल्कि अवतार लेंगे। 

Shri Kalki Dham
Shri Kalki Dham

भगवान कल्कि की खास बातें

  • भगवान विष्णु का यह अवतार 64 कलाओं से युक्त होगा। 
  • विष्णु यशा नाम के तपस्वी ब्राह्मण के घर भगवान कल्कि जन्म लेंगे। मां का नाम सुमति होगा।
  • उनका वर्णन तीर-कमान धारण किए हुए एक घुड़सवाल के रूप में है।
  • कल्कि पुराण के अनुसार, उनके हाथ में चमचमाती तलवार होगी। सफेद घोड़े पर सवार होंगे।
  • कल्कि सतयुग के नए युग की शुरुआत करेंगे। 
  • कल्कि अवतार का जिक्र सिख ग्रंथों में भी है। 
  • भगवान राम की तरह कल्कि भी महादेव के भक्त होंगे।
  • भगवान शिव उन्हें गरुण का एक रूप देवदत्त नाम का सफेद दिव्य घोड़ा देंगे। 
  • उनके पास शुक्र नाम का तोता होगा, जो सर्वज्ञ है।
  • भगवान परशुराम कल्कि को सैन्य प्रशिक्षण देंगे। 
  • कल्कि धर्म की स्थापना करने के बाद वैकुंठ चले जाएंगे।
5379487