Sonia Gandhi to be Nominated for Rajya Sabha: कांग्रेस नेता और यूपीए चेयरपर्सन सोनिया गांधी लोकसभा चुनाव 2024 की भाग दौड़ से दूरी बना सकती हैं। सूत्रों के मुताबिक, वह इस बार रायबरेली सीट के लिए अपनी बेटी प्रियंका गांधी को कमान सौंपेंगी। यह प्रियंका का पहला लोकसभा चुनाव होगा। ऐसे में सोनिया गांधी को राजस्थान से राज्यसभा के लिए नामित किए जाने की पूरी संभावना है। सोनिया गांधी रायबरेली सीट से 7 चुनाव जीत चुकी हैं। यह सीट कांग्रेस का गढ़ मानी जाती है।
बदलाव से यूपी में फायदा लेने की कोशिश
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, सोनिया गांधी की उम्र 77 साल हो चुकी है और वह स्वास्थ्य गत कारणों से खुद को लोकसभा चुनाव से अलग कर सकती हैं। वह आगामी राज्यसभा चुनाव में राज्यसभा से सांसद चुनी जा सकती हैं। कांग्रेस के लिए यह बड़ा बदलाव होगा। सोनिया गांधी 2006 से रायबरेली सीट पर लोकसभा चुनाव लड़ती रही हैं। यह कांग्रेस की पारंपरिक सीट मानी जाती है। सोनिया ने 2019 तक इस रायबरेली से 7 चुनाव जीते हैं।
प्रियंका के चुनावी सफर की होगी शुरुआत?
यह बदलाव ऐसे समय हो रहा है, जब कांग्रेस का प्रदर्शन अब तक के सबसे निचले स्तर पर है। राहुल गांधी भी पिछले चुनाव में अपना गढ़ कही जाने वाली अमेठी सीट नहीं बचा पाए थे। उन्हें भाजपा नेता स्मृति ईरानी से करारी हार मिली थी। प्रियंका गांधी के लिए इसे चुनावी सफर की शुरुआत मानी जा रही है। करीब 10 साल के सक्रिय राजनीति का हिस्सा बनने के बाद प्रियंका गांधी के लिए रायबरेली एक सुरक्षित सीट होगी। प्रियंका गांधी भीड़-खींचने वाली महिला हैं, जिन्होंने सालों तक रायबरेली में अपनी मां का प्रतिनिधित्व किया है। उन्हें चुनाव से पहले यूपी में कायाकल्प के लिए कांग्रेस की बड़ी उम्मीद माना जा रहा है।
सालों से रायबरेली सीट पर कांग्रेस का कब्जा
1950 के बाद से रायबरेली सीट कांग्रेस के कब्जे में ही रही है। यहां से पहली बार प्रियंका गांधी के दादा फिरोज गांधी लोकसभा सांसद चुने गए थे। 2019 में प्रियंका के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सामने वाराणसी से चुनाव लड़ने की अटकलें थीं। लेकिन तब कांग्रेस की कमान संभाल रहे राहुल गांधी ने प्रियंका को पूर्वी उत्तर प्रदेश का प्रभारी महासचिव बनाया था। बाद में वह पूरे उत्तर प्रदेश की महासचिव भी बनीं। लेकिन 2019 में कांग्रेस का प्लान फेल रहा और 2022 में योगी राज फिर से कायम हुआ। तब ज्योतिरादित्य सिंधिया उत्तर प्रदेश के प्रभारी थे, इसके बाद वे भाजपा में शामिल हो गए।