Election Commissioners appointment: चुनाव आयोग के लिए दो नए चुनाव आयुक्तों के नाम फाइनल हो गए हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई में गुरुवार को हाईलेवल कमेटी की बैठक हुई। बैठक के बाद लोकसभा में विपक्ष के नेता कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी ने मीडिया से बात की। उन्होंने बताया कि मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार की मदद के लिए दो आयुक्तों का चयन कर लिया गया है। केरल के रिटायर्ड अफसर ज्ञानेश कुमार और पंजाब के सुखबीर सिंह संधू के नाम फाइनल किए गए हैं।
फिलहाल, अभी तक दोनों अफसरों की नियुक्ति की आधिकारिक घोषणा नहीं की गई है। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू की मंजूरी के बाद इनकी नियुक्ति की जाएगी। चुनाव आयुक्त बनने की रेस में सुखबीर सिंह संधू, ज्ञानेश कुमार के अलावा उत्पल कुमार सिंह, प्रदीप कुमार त्रिपाठी, इंदीवर पांडे और गंगाधर राहत में आगे थे।
कौन हैं दोनों अफसर?
सुखबीर सिंह संधू: उत्तराखंड के चीफ सेक्रेटरी और NHAI के चेयरमैन रह चुके हैं। 1988 बैच के आईएएस अफसर हैं।
ज्ञानेश कुमार: 1988 बैच के केरल कैडर के आईएएस अफसर हैं। गृह मंत्रालय में भी तैनात रह चुके हैं। धारा 370 पर फैसले के वक्त गृह मंत्रालय में तैनात थे। सहकारिता मंत्रालय में सचिव पद से रिटायर हुए हैं।
अधीर रंजन ने चयन प्रक्रिया पर उठाए सवाल
पैनल में शामिल रहे वरिष्ठ कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने चयन प्रक्रिया पर सवाल भी उठाए हैं। उन्होंने कहा कि मुझे बीते बुधवार को सरकार ने 212 अफसरों के नाम दिए गए थे। लेकिन मीटिंग से 10 मिनट पहले महज 6 नाम दिए गए। अब ऐसे में इनकी ईमानदारी और तजुर्बा जांचना मेरे लिए असंभव है। मैं इस प्रक्रिया का विरोध करता हूं। ये तो होना ही था। क्योंकि इनके पास बहुमत है।
चौधरी ने कहा कि मुझे पता है कि सीजेआई इस कमेटी में नहीं है। लेकिन उन्हें यहां रखना चाहिए। सरकार ने ऐसा कानून बनाया है कि सीजेआई हस्तक्षेप नहीं करते हैं और केंद्र सरकार एक अनुकूल नाम चुन सकती है। मैं यह नहीं कह रहा हूं कि यह मनमाना है, लेकिन जो प्रक्रिया अपनाई जा रही है उसमें कुछ खामियां हैं।
सरकार ने चौधरी को भेजी थी 236 अफसरों की 5 लिस्ट
सूत्रों ने कहा कि सरकार ने अधीर रंजन चौधरी को 236 नामों वाली पांच सूचियां भेजी थीं। विस्तृत सूची में 93 अधिकारियों के नाम शामिल थे, जो भारत सरकार में सचिव और सचिव समकक्ष के रूप में सेवानिवृत्त हुए। 15 अधिकारी ऐसे थे, जो पिछले एक साल में 28 और 8 अधिकारी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में मुख्य सचिव के रूप में कार्यरत रहे।