Kolkata Rape-Murder Case: कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल में ट्रेनी डॉक्टर के साथ दरिंदगी को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने अहम सुनवाई की। गुरुवार को जांच एजेंसी सीबीआई ने केस की प्रगति रिपोर्ट (स्टेटस रिपोर्ट) सील बंद लिफाफे में चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली तीन जजों की बेंच से सामने पेश की। इसमें डॉक्टर रेप-मर्डर केस से जुड़े कई चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं। अदालत ने कोलकाता पुलिस की कार्यशैली और बंगाल सरकार की मंशा पर गंभीर सवाल उठाए हैं। सुनवाई के दौरान शीर्ष अदालत ने 151 mg सीमेन की मौजूदगी से वाले तर्क को सिरे से खारिज कर दिया। 

'पीड़िता की बॉडी में मिला सीमेन 151ml था, न कि 151mg'
सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ के अगुआई में सुप्रीम कोर्ट ने कोलकाता रेप-मर्डर केस में सुनवाई के दौरान सोशल मीडिया तर्क को कोर्ट में दलील के रूप में नहीं रखने की हिदायत दी। तीन जजों की बेंच ने कहा- "अदालत में सोशल मीडिया तर्क का इस्तेमाल न करें। हमारे पास पीड़ित डॉक्टर की पोस्टमार्टम रिपोर्ट है और हम जानते हैं कि 151 mg का क्या संदर्भ है।" कोर्ट ने सामूहिक बलात्कार (गैंगरेप) की थ्योरी को भी खारिज कर दिया और कहा कि पीड़िता के शरीर में मिला सीमेन 151ml था, न कि 151mg।

आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई की बड़ी बातें...

  • चीफ जस्टिस ने पश्चिम बंगाल सरकार के स्टेटस रिपोर्ट में उल्लेखित घटनाओं की लाइमलाइन पर भी तल्ख टिप्पणी की। सुप्रीम कोर्ट ने कोलकाता पुलिस के उस अधिकारी को अगली सुनवाई में तलब किया है, जिसने वारदात को लेकर पहली एंट्री की थी।
  • कोर्ट ने पुलिस द्वारा अप्राकृतिक मौत के मामले में केस दर्ज करने और पोस्टमार्टम की टाइमलाइन पर सवाल उठाए। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि यह बहुत चौंकाने वाला है कि पोस्टमार्टम अप्राकृतिक मृत्यु का मामला दर्ज होने से पहले ही किया गया। अदालत ने FIR दर्ज करने में देरी को 'बेहद चिंताजनक' बताया है। 
  • सीबीआई ने कोर्ट को बताया कि पीड़िता के दोस्त को केस में धांधली की आशंका थी और उसने वीडियोग्राफी की मांग की थी। सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि कोलकाता पुलिस ने पहले पीड़िता के माता-पिता को आत्महत्या की बात कही, फिर हत्या का मामला बताया। सबसे चौंकाने वाला तथ्य यह है कि मृतक के अंतिम संस्कार के बाद रात 11.45 बजे FIR दर्ज की गई।

पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष की भूमिका संदेह के घेरे में
बता दें कि आरजी कर मेडिकल कॉलेज की ट्रेनी डॉक्टर का शव 9 अगस्त को सेमिनार हॉल में मिला था। शव पर गंभीर चोट के निशान थे। इस मामले में कोलकाता पुलिस ने सिविक वॉलंटियर संजीव रॉय को अगले दिन गिरफ्तार किया था। कलकत्ता हाई कोर्ट ने 13 अगस्त को मामले की जांच कोलकाता पुलिस से सीबीआई को सौंपने का आदेश दिया, जिसके बाद सीबीआई ने 14 अगस्त को जांच शुरू की। इस मामले में मेडिकल कॉलेज के पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष से 7 दिन से पूछताछ जारी है। सुप्रीम कोर्ट ने उनकी भूमिका पर गंभीर सवाल उठाया है। साथ ही पॉलीग्राफी टेस्ट करने के निर्देश सीबीआई को दिए हैं।