Justice Shekhar Yadav: सुप्रीम कोर्ट ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के जज शेखर यादव को उनके विवादित बयान पर कड़ी फटकार लगाई है। कॉलेजियम में CJI जस्टिस संजीव खन्ना समेत पांच जजों ने उन्हें सार्वजनिक भाषणों में संवैधानिक गरिमा बनाए रखने की सलाह दी। जस्टिस यादव ने विश्व हिंदू परिषद के कार्यक्रम में अल्पसंख्यकों को लेकर विवादित बयान दिया था। सुप्रीम कोर्ट ने उनके बयान पर असहमति जताते हुए कहा कि संवैधानिक पद पर रहते हुए जजों को अपने शब्दों में बेहद सतर्क रहना चाहिए।  

जज शेखर यादव ने कॉलेजियम के सामने दी सफाई
मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट में पेश हुए जस्टिस शेखर यादव ने अपने बयान पर सफाई दी। उन्होंने कहा कि मीडिया ने उनके भाषण के अंश तोड़-मरोड़कर पेश किए। लेकिन सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम उनके इस तर्क से सहमत नहीं हुआ। करीब 45 मिनट तक चली सुनवाई में उनसे कई सवाल पूछे गए। कॉलेजियम ने स्पष्ट किया कि संवैधानिक पद पर बैठे व्यक्ति के लिए उच्च मानदंडों का पालन करना अनिवार्य है। आगे भी उन्हें सुप्रीम कोर्ट में तलब किया जा सकता है।  

विश्व हिंदू परिषद के कार्यक्रम में क्या बोले थे जस्टिस यादव?  
8 दिसंबर को विश्व हिंदू परिषद के एक कार्यक्रम में जस्टिस शेखर यादव ने अल्पसंख्यकों पर विवादित टिप्पणी की थी। उन्होंने कहा था कि यह देश बहुसंख्यकों के बनाए कानून से चलेगा। उन्होंने एक समुदाय का नाम लेते हुए सवाल उठाया कि जब बच्चों के सामने जानवर काटे जाते हैं, तो वे दयालु कैसे बन सकते हैं। उन्होंने 'कठमुल्ला' शब्द का इस्तेमाल करते हुए एक वर्ग को देश के लिए खतरनाक बताया। उनके इस बयान ने काफी विवाद खड़ा कर दिया।