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Supreme Court on Bulldozer Action: सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court)  ने 'बुलडोजर एक्शन' पर सख्ती दिखाई है। कोर्ट ने सोमवार को कहा कि केवल आरोप या सजा के आधार पर घर नहीं गिराए जा सकते। कोर्ट ने पूरे देश में गाइडलाइन्स बनाने की बात कही है।

Supreme Court on Bulldozer Action: सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने सोमवार, 2 सितंबर को  'बुलडोजर एक्शन' (Bulldozer Action) पर कड़ी टिप्पणी की। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि सिर्फ इसलिए किसी का घर कैसे गिराया जा सकता है क्योंकि वह व्यक्ति आरोपी या दोषी है। अदालत ने कहा कि घरों को गिराने से पहले पूरे देश के लिए दिशा-निर्देश जारी किए जाने चाहिए। यह मामला तब उठा जब वरिष्ठ वकील दुष्यंत दवे ने अदालत से 'बुलडोजर एक्शन' को रोकने के लिए निर्देश देने का अनुरोध किया।

सिर्फ आरोपी होने की वजह से घर नहीं गिरा सकते
सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस बी.आर. गवई और जस्टिस के.वी. विश्वनाथन की पीठ से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि सिर्फ आरोपी होने के कारण किसी अचल संपत्ति को नहीं गिराया जा सकता। एसजी मेहता ने कहा कि डेमोलिशन तभी हो सकता है जब कोई ढांचा गैर कानूनी ढंग से बनाया गया हो।" हालांकि, उन्होंने यह भी दावा किया कि अदालत के सामने मामला गलत तरीके से पेश किया जा रहा है। कोर्ट ने इस पर कहा कि अगर आप इस बात से सहमत हैं, तो हम इसके आधार पर दिशा-निर्देश जारी करेंगे।
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अवैध निर्माण के खिलाफ देश भर में बने गाइडलाइन्स
सुप्रीम कोर्ट ने अकहा कि अवैध निर्माण पर कार्रवाई होनी चाहिए, लेकिन इसके लिए एक उचित प्रक्रिया होनी चाहिए। कोर्ट ने कहा, "अगर निर्माण अवैध है, तो ठीक है। लेकिन इसमें कुछ नियमितता होनी चाहिए। हम एक प्रक्रिया तय करेंगे।" जस्टिस विश्वनाथन ने पूछा कि ऐसे मामलों से बचने के लिए निर्देश क्यों नहीं दिए जा सकते। कोर्ट ने कहा कि पहले नोटिस जारी किया जाए, फिर जवाब का समय दिया जाए, कानूनी कदम उठाने के लिए समय दिया जाए, और उसके बाद ही डेमोलिशन हो।
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अवैध निर्माण पर हो सख्ती, लेकिन नियमों का पालन हो
पीठ ने यह भी स्पष्ट किया कि वह अवैध निर्माण का बचाव नहीं कर रही है। कोर्ट ने कहा, "हम किसी भी अवैध ढांचे को नहीं बचाएंगे जो सड़कों को बाधित कर रही है, जिसमें मंदिर भी शामिल हैं, लेकिन डेमोलिशन के लिए दिशा-निर्देश होने चाहिए।" सीनियर एडवोकेट दुष्यंत दवे और सी.यू. सिंह ने याचिकाकर्ताओं की ओर से दिल्ली के जहांगीरपुरी में डेमोलिशन का उदाहरण दिया, जहां कुछ मामलों में किराए पर दी गई संपत्ति को भी ढहा  दिया गया था। 
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राजस्थान के उदयपुर में डेमोलिशन पर कोर्ट की टिप्पणी
एक दूसरा मामला राजस्थान के उदयपुर का सामने आया, जहां एक छात्र द्वारा अपने साथ पढ़ने वाले एक लड़के पर हमला करने के बाद उसका घर गिरा दिया गया। कोर्ट ने इसे अनुचित ठहराते हुए कहा, "अगर किसी के बेटे ने अपराध किया है, तो घर को गिराना सही तरीका नहीं है।" कोर्ट ने कहा कि इस मामले की फिर से सुनवाई 17 सितंबर को होगी और इस मुद्दे से निपटने के लिए सुझाव मांगे हैं। 
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सुप्रीम कोर्ट ने की यूपी सरकार के रुख की सराहना
जस्टिस गवई ने कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार के हलफनामे में कहा गया है कि अचल संपत्ति को केवल कानूनी प्रक्रिया के मुताबिक ही गिराया जा सकता है। कोर्ट ने कहा, "हम इस मुद्दे के समाधान के लिए पूरे देश के लिए कुछ दिशा-निर्देश तय करने का प्रस्ताव करते हैं। हम उत्तर प्रदेश सरकार के रुख की सराहना करते हैं।" बता दें कि 'बुलडोजर एक्शन' को लेकर देशभर में चिंता जताई जा रही है।

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