Supreme Court Questions Ajit Pawar: सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को शरद पवार गुट की याचिका पर सुनवाई की। शरद पवार (Sharad Pawar) की तरफ से वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी पेश हुए। उन्होंने जस्टिस सूर्यकांत और केवी विश्वनाथन की बेंच के सामने दलील दी कि अजित पवार (Ajit Pawar) गुट की तरफ से चुनाव में प्रचार के लिए शरद पवार की फोटो का इस्तेमाल किया जा रहा है। चुनाव निशान घड़ी का शरद पवार की पहचान से अटूट संबंध है। ऐसे में घड़ी और शरद पवार की तस्वीर का इस्तेमाल कैसे किया जा सकता है? यह धोखाधड़ी है।
इस पर कोर्ट ने कोर्ट ने अजित गुट से पूछा कि अब आप एक अलग राजनीतिक दल हैं। आपने उसके साथ न रहने का निर्णय लिया है। तो उनकी (शरद पवार) तस्वीर का उपयोग क्यों करें? अब अपनी पहचान के साथ जाएं। अदालत ने अजित पवार गुट को 18 मार्च तक हलफनामा दाखिल करने का निर्देश देते हुए कहा कि बिना शर्त हलफनामा दें कि आप उनके (शरद पवार के) नाम का प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से उपयोग नहीं करेंगे।
NCP vs NCP | Supreme Court questions Ajit Pawar faction of NCP why it is using Sharad Pawar's photo for campaigning.
— ANI (@ANI) March 14, 2024
Supreme Court tells Ajit Pawar faction, “You are a different political party now. You have chosen not to be with him. So why to use his (Sharad Pawar) picture…… pic.twitter.com/tIZnfdsNr9
क्या नया चुनाव चिन्ह लेना होगा?
सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा कि अजित पवार गुट को चुनाव में घड़ी चुनाव चिह्न के अलावा किसी अन्य चुनाव चिह्न का इस्तेमाल करना चाहिए, ताकि कोई भ्रम न हो।
सुप्रीम कोर्ट में एनसीपी शरद पवार गुट की अर्जी पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने सुझाव दिया है कि अजित पवार की पार्टी को अलग चुनाव चिन्ह अपनाना चाहिए। अदालत ने स्पष्ट किया कि अजीत पवार के समूह के सदस्यों को इस संबंध में शरद पवार की तस्वीर का उपयोग नहीं करना चाहिए। इस संबंध में शपथ पत्र देने को भी कहा गया है। इससे संभावना है कि अजित पवार गुट को अलग सिंबल लेना पड़ेगा। अगर चुनाव के बीच में कोई फैसला लिया गया तो दिक्कत हो सकती है।
दरअसल, राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) नेता शरद पवार के नेतृत्व वाले गुट ने अजीत पवार को घड़ी पार्टी का चुनाव चिन्ह देने और उनके विधायकों के समूह को असली एनसीपी के रूप में मान्यता देने के चुनाव आयोग के फैसले को चुनौती दी है।