Udhayanidhi Stalin Sanatana Dharma Remarks: सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को डीएमके नेता और तमिलनाडु के मंत्री उदयनिधि स्टालिन को 'सनातन धर्म' पर उनकी विवादास्पद टिप्पणी के लिए कड़ी फटकार लगाई। सुप्रीम कोर्ट ने उदयनिधि स्टालिन से कहा कि आपने आर्टिकल 19 A और 25 के तहत अपने अधिकारों का दुरुपयोग किया है। आप जानते हैं कि आपने क्या कहा है? आपको उसके अंजाम का भी एहसास होना चाहिए। आप एक मंत्री हैं, कोई आम आदमी नहीं हैं।
एफआईआर को क्लब करने की उठाई मांग
दरअसल, सुप्रीम कोर्ट सोमवार को उदयनिधि स्टालिन की याचिका पर सुनवाई कर रही थी। जिसमें उनकी कथित टिप्पणियों पर उनके खिलाफ एफआईआर को एक साथ जोड़ने की मांग की गई थी। उदयनिधि स्टालिन की ओर से पेश हुए वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने एफआईआर को क्लब करने की दलील देते हुए अर्नब गोस्वामी, मोहम्मद जुबैर और अन्य के मामलों में फैसलों का हवाला दिया।
अब अगले हफ्ते होगी सुनवाई
सुप्रीम कोर्ट ने तब सुझाव दिया कि डीएमके नेता इसके बजाय हाईकोर्ट का रुख कर सकते हैं। सिंघवी ने कहा कि अगर मुझे कई अदालतों में जाना पड़ा, तो मैं इसमें बंध जाऊंगा। यह अभियोजन पक्ष के समक्ष उत्पीड़न है। जवाब में अदालत ने उनसे मामले को अगले सप्ताह सुनवाई के लिए सूचीबद्ध करने को कहा।
हिंदू सेना ने लगाई थी याचिका
हिंदू सेना के वकील बरुण सिन्हा ने कहा कि हिंदू सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष विष्णु गुप्ता ने एक जनहित याचिका दायर की थी। जिसमें उदयनिधि स्टालिन, असदुद्दीन ओवैसी, स्वामी प्रसाद मौर्य, राजद नेता चन्द्रशेखर और वीर बहादुर सिंह के खिलाफ एसआईटी से जांच की मांग की थी। याचिका में इन लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की मांग की गई थी। सुप्रीम कोर्ट ने टैगिंग आदेश पारित कर दिया है। अश्विनी कुमार उपाध्याय द्वारा दायर याचिका, जो लंबित है। सुनवाई की अगली तारीख पर एक विस्तृत आदेश पारित किया जाएगा।
क्यों उपजा था विवाद?
दरअसल, तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन के बेटे उदयनिधि स्टालिन से सितंबर 2023 में सनातन धर्म को खत्म करने की बात कही थी। उन्होंने सनातन धर्म की तुलना डेंगू, मलेरिया और कोविड जैसी महामारी से की थी। उन्होंने दावा किया था कि सनातन धर्म जाति व्यवस्था और भेदभाव पर आधारित है। इसलिए इसे जड़ से खत्म करना होगा। उनके इस बयान के बाद पूरे देश में घमासान मचा था।