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Retired District Judges Pension: सेवानिवृत्त जिला जजों की पेंशन के मामले में सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने अटॉर्नी जनरल से तुरंत कोई समाधान निकालने के लिए कहा है। 

Retired District Judges Pension: न्यायिक सेवा से सेवानिवृत्त (रिटायर्ड) होने वाले जिला जजों की गुजर बसर को लेकर देश की शीर्ष अदालत ने चिंता जताई है। ऑल इंडिया जज एसोसिएशन की याचिका पर सुनवाई चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता में बेंच ने सुनवाई की। सीजेआई ने सवाल उठाया कि रिटायर्ड डिस्ट्रिक्ट जजों को 19 से 20 हजार रुपए पेंशन मिल रही है। इतनी लंबी सेवा के बाद वे कैसे जीवित रहेंगे?

सैलरी और पेंशन के लिए कई जज सुप्रीम कोर्ट पहुंचे
सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र की ओर से पैरवी कर रहे अटॉर्नी जनरल आर. वेंकटरमणी से कानून के दायरे में कोई हल निकालने के लिए मदद करने के लिए कहा है। जस्टिस चंद्रचूड़ ने बताया कि कुछ हाईकोर्ट के जजों ने सैलरी और पेंशन नहीं मिलने पर सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है, क्योंकि उन्हें पदोन्नति (प्रमोशन) के बाद डिस्ट्रिक्ट ज्यूडीशरी से नए जीपीएफ अकाउंट नहीं दिए गए। रिटायर्ड जिला जजों को 19,000-20,000 रुपए पेंशन मिलती है। इतनी लंबी सर्विस के बाद वे कैसे जीवित रहेंगे? 

जिला जज रिटायरमेंट के बाद प्रैक्टिस नहीं कर सकते: CJI
सीजेआई चंद्रचूड़ ने कहा कि यह ऐसा ऑफिस वर्क है, जहां आप पूरी तरह से अक्षम स्थिति में आ जाते हैं। रिटायर होने के बाद आप प्रैक्टिस में नहीं लौट सकते हैं और 61-62 की उम्र में हाईकोर्ट भी नहीं जा सकते हैं। हम इस मुद्दे का उचित हल चाहते हैं। आप जानते हैं कि जिला जज असल में पीड़ित हैं। इस पर अटॉर्नी जनरल ने कहा कि सरकार इसके समाधान पर विचार करेगी।

SC ने जजों की पेंशन भुगतान के दिए थे निर्देश
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने पूर्व में दूसरे राष्ट्रीय न्यायिक वेतन आयोग (Judicial Pay Commission) की सिफारिशों के आधार पर जजों के वेतन और सेवा शर्तों को लेकर निर्देश जारी किए थे। तब राज्य सरकारों से जजों के पेंशन व भत्तों का बकाया भुगतान के लिए कहा था और हाईकोर्ट को समितियां गठित करने का निर्देश दिया था। आयोग की सिफारिशें डिस्ट्रिक्ट ज्यूडीशियरी की सेवा शर्तों के अलावा सैलरी स्ट्रक्चर, पेंशन और भत्ते को कवर करती हैं।

जजों की फाइनेंशियल डिग्निटी बनाए रखना जरूरी
जस्टिस चंद्रचूड़, जे बी पारदीवाला और मनोज मिश्रा की बेंच ने कहा था कि कानून में नागरिकों के विश्वास और ज्यूडीशियरी फ्रीडम सुनिश्चित करने के लिए जजों को फाइनेंशियल डिग्निटी की भावना को बनाए रखना बेहद जरूरी है। एक जज की सर्विस के दौरान उनके लिए सेवा शर्तों को सुनिश्चित करना चाहिए। उनके कामकाजी और रिटायरमेंट दोनों के लिए सेवा शर्तों को सुरक्षा और सम्मान दिया जाना चाहिए।

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