वक्फ संशोधन कानून: सुप्रीम कोर्ट में आज फिर होगी बहस; CJI संजीव खन्ना की बेंच सुनेगी दोनों पक्षों की दलीलें

Waqf Amendment Act: वक्फ संशोधन कानून के विरोध में देशभर में घमासान मचा है। सुप्रीम कोर्ट में आज यानी गुरुवार (17 अप्रैल) को फिर 'वक्फ संशोधन कानून' पर सुनवाई होगी। कानून के खिलाफ SC में 70 से ज्यादा याचिका दाखिल हैं। CJI संजीव खन्ना, जस्टिस पीवी संजय कुमार और जस्टिस केवी विश्वनाथन की बेंच मामले पर दूसरे दिन सुनवाई करेगी।
तुषार मेहता कर रहे केंद्र सरकार की पैरवी
केंद्र सरकार की तरफ से सॉलिसिटर जनरल (SG) तुषार मेहता पैरवी कर रहे हैं। कपिल सिब्बल, राजीव धवन, अभिषेक मनु सिंघवी और सीयू सिंह कानून के खिलाफ 70 से ज्यादा याचिकाओं पर दलील रख रहे हैं। सुप्रीम कोर्ट में बुधवार (16 अप्रैल) को 2 घंटे तक कानून लेकर तीखी बहस चली। CJI संजीव खन्ना की बेंच ने केंद्र से कई तीखे सवाल पूछे। इससे साफ हो गया कि अदालत इस कानून (Waqf Law) को लेकर अंतरिम आदेश जारी करेगी।
हिंसा पर जताई चिंता
कोर्ट ने वक्फ बोर्ड और सेंट्रल वक्फ कौंसिल में गैर-मुस्लिमों को शामिल किए जाने के प्रावधान पर नाराजगी जताई। बेंच ने केंद्र से पूछा कि क्या हिंदू धार्मिक ट्रस्टों में मुसलमानों को शामिल किया जा सकता है। सुप्रीम कोर्ट ने कानून के विरोध में भड़की हिंसा पर चिंता जताई। इस पर केंद्र की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल (SG) तुषार मेहता ने कहा कि ऐसा नहीं लगना चाहिए कि हिंसा का इस्तेमाल दबाव डालने के लिए किया जा सकता है। कोर्ट ने कहा कि हम इस पर फैसला करेंगे।
अधिकारों का हनन है
कपिल सिब्बल ने कोर्ट से कहा-केवल मुस्लिम ही बोर्ड का हिस्सा हो सकते थे। अब हिंदू भी इसका हिस्सा होंगे। यह अधिकारों का हनन है। आर्टिकल 26 कहता है कि नागरिक धार्मिक और समाजसेवा के लिए संस्था की स्थापना कर सकते हैं।
CJI और SG के बीच तीखी बहस
इस पर CJI और SG के बीच तीखी बहस हुई। कोर्ट ने पूछा कि क्या सरकार हिंदू धार्मिक बोर्ड में मुस्लिमों को शामिल करेगी? SG ने कहा कि वक्फ परिषद में पदेन सदस्यों के अलावा दो से ज्यादा गैर-मुस्लिम सदस्य नहीं होंगे। बेंच ने कहा-नए एक्ट में वक्फ परिषद के 22 सदस्यों में से आठ मुस्लिम होंगे। इसमें दो ऐसे जज हो सकते हैं, जो मुस्लिम न हों। ऐसे में बहुमत गैर मुस्लिमों का होगा। इससे संस्था का धार्मिक चरित्र कैसे बचेगा?
कानून के सामने सभी पक्ष एकसमान हैं
मेहता ने बेंच जजों के हिंदू होने का जिक्र किया तो तनाव बढ़ गया। CJI ने कहा कि जब हम यहां बैठते हैं, तो हमारी व्यक्तिगत पहचान मायने नहीं रखती। कानून के सामने सभी पक्ष एकसमान हैं। यह तुलना पूरी तरह गलत है।
-
Home
-
Menu
© Copyright 2025: Haribhoomi All Rights Reserved. Powered by BLINK CMS