Patanjali Misleading Ads Case: सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार, 30 अप्रैल को पतंजलि आयुर्वेद के खिलाफ भ्रामक विज्ञापन मामले की सुनवाई की। इस दौरान योग गुरु बाबा रामदेव के वकील ने एक बड़ी चूक कर दी। सुनवाई शुरू होते ही जस्टिस हिमा कोहली ओर जस्टिस अहसानुद्दीन अमानुल्लाह की अदालत ने पतंजलि के वकील मुकुल रोहतगी से पूछा कि सार्वजनिक माफीनामा हमें आज सुबह मिला। इसे टाइम पर क्यों जमा नहीं किया गया। इस पर रोहतगी ने कहा कि 5 दिन पहले ही फाइल कर दिया गया था। 

अदालत ने फिर पूछा कि क्या आपने ओरिजिनल माफीनामा फाइल किया है? रजिस्ट्रार को इसे स्कैन करके फाइल में क्यों रखना पड़ा? आपने ई फाइलिंग की है। यह हमारे आदेश का पालन नहीं है। हमने जैसे कहा था, वैसा माफीनामा फाइल करो। वकील साहब बताइए हमने क्या मांगा था? इस पर पंतजलि ने कहा कि जैसा बताया गया था, उसी फॉर्मेट में दिया गया है। जस्टिस अमानुल्लाह ने कहा कि पूरा न्यूज पेपर फाइल किया जाना था। 

काफी सुधार हुआ है: अदालत
अदालत ने कहा कि हर एक समाचार पत्र के मूल पेज को दाखिल करने के लिए एक अवसर दिया है। पीठ ने कहा कि फिलहाल काफी सुधार हुआ है। माफीनामा में पहले केवल पतजंलि लिखा था। अब बाबा रामदेव और बालकृष्ण के नाम भी हैं। हम इसकी सराहना करते हैं। बाबा रामदेव और पतंजलि के प्रबंध निदेशक आचार्य बालकृष्ण दोनों को सुनवाई की अगली तारीख 7 मई को शीर्ष अदालत में व्यक्तिगत रूप से पेश होने से छूट दी गई है।

14 प्रोडक्ट के लाइसेंस रद्द किया, फिर भी लगी फटकार
अदालत में उत्तराखंड राज्य लाइसेंसिंग प्राधिकरण ने बताया कि पतंजलि और उसकी सहयोगी कंपनी दिव्य फार्मेसी के 14 उत्पादों के लाइसेंस 15 अप्रैल को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिए गए। इस पर अदालत ने कार्रवाई में देरी पर सवाल उठाया। कहा कि प्राधिकरण अब नींद से जाग गया है। 

इससे पता चलता है कि एक बार जब आप कुछ करना चाहते हैं तो आप इसे बिजली की गति से करते हैं। लेकिन यदि आप नहीं करते हैं, तो वर्षों तक कुछ भी नहीं होता है। तीन दिनों में आपने सारी कार्रवाई कर दी है। आप पिछले नौ महीनों से क्या कर रहे थे? आखिरकार, आपको एहसास हुआ कि आपके पास शक्ति और जिम्मेदारियां हैं, आप आखिरकार नींद से जाग गए हैं।

लाइसेंसिंग प्राधिकारी ने जवाब दिया कि जांच चल रही थी। अदालत ने कहा कि आपने सब कुछ साफ करने की कोशिश की है। क्या यह सतर्कता है? हमने आपको सावधान रहने के लिए कहा था। आप खुद को प्रमाणपत्र दे रहे हैं।

पतंजलि की तरफ से अखबारों में दोबारा माफीनामा छपवाया गया था।

पतंजलि ने 67 अखबारों में छपवाया था माफीनामा
सुप्रीम कोर्ट की फटकार के बाद पतंजलि कंपनी ने 67 अखबारों में सार्वजनिक माफी प्रकाशित कराई थी। हालांकि अदालत ने माफीनामा की साइज को लेकर सवाल उठाए थे। इसके बाद पतंजलि ने नए सिरे से माफीनामा छपवाया।