वक्फ कानून पर सरकार को 'सुप्रीम' राहत: SC ने 7 दिन में मांगा जवाब, नई नियुक्तियों पर रोक; 5 मई को अगली सुनवाई

SC Hearing Waqf law: सुप्रीम कोर्ट में गुरुवार (17 अप्रैल) को 'वक्फ संशोधन कानून' पर सुनवाई हुई। कोर्ट ने केंद्र सरकार से 7 दिन में जवाब दाखिल करने को कहा है।;

Update:2025-04-17 14:32 IST
Wakf Act 2025: वक्फ (संशोधन) अधिनियम पर केंद्र ने दायर किया एफिडेविड, सुप्रीम कोर्ट से याचिका खारिज करने की मांग।Supreme Court on Wakf (Amendment) Act
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SC Hearing Waqf law : सुप्रीम कोर्ट में गुरुवार (17 अप्रैल) को 'वक्फ संशोधन कानून' पर सुनवाई हुई। CJI संजीव खन्ना, जस्टिस पीवी संजय कुमार और जस्टिस केवी विश्वनाथन की बेंच ने दलील सुनने के बाद सरकार को अंतरिम राहत दी है। कोर्ट ने केंद्र सरकार को कानून पर जवाब देने के लिए 7 दिन का वक्त दिया है। केंद्र का जवाब आने तक वक्फ संपत्ति की स्थिति नहीं बदलेगी। अगले आदेश तक नई नियुक्तियां नहीं होंगी। अगली सुनवाई 5 मई को होगी। 

जानिए आज क्या हुआ
कोर्ट ने वक्फ कानून पर बुधवार को अंतरिम आदेश देने के संकेत दिए थे। गुरुवार को सुनवाई शुरू होते ही केंद्र की ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कोर्ट से कहा कि स्टे लगाने का कोई आधार नहीं है। अगर स्टे लगाया गया तो यह अनावश्यक सख्त कदम होगा। आपके द्वारा लिए गए किसी निर्णय के परिणाम का आकलन करने के लिए भी आपको कुछ दस्तावेजों की आवश्यकता होती है। मुझे रिकॉर्ड पर सामग्री रखने की अनुमति दें। एक सप्ताह के भीतर कुछ भी नहीं बदल सकता।

केंद्र सरकार को 7 दिन की मोहलत
सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के दौरान वक्फ कानून पर केंद्र सरकार को 7 दिन की मोहलत दी है। कोर्ट ने केंद्र को एक हफ्ते के भीतर इस पर जवाब देने को कहा है। केंद्र का जवाब आने तक वक्फ संपत्ति की स्थिति नहीं बदलेगी। सरकार के जवाब तक यथास्थिति बनी रहेगी। साथ ही अगले आदेश तक नई नियुक्तियां नहीं होगी।

पांच मुख्य आपत्तियों पर ही होगी सुनवाई
सुप्रीम कोर्ट ने कहा, '110 से 120 फाइलें पढ़ना संभव नहीं हैं। ऐसे में ऐसे 5 बिंदु तय करने होंगे। सिर्फ 5 मुख्य आपत्तियों पर ही सुनवाई होगी। सभी याचिकाकर्ता मुख्य बिंदुओं पर सहमति बनाएं। नोडल काउंसिल के जरिए इन आपत्तियों को तय करें।

जानिए पूरा मामला
लोकसभा और राज्यसभा में लंबी बहस के बाद 4 अप्रैल को संसद से वक्फ संशोधन विधेयक पारित (Waqf Act) हुआ। 5 अप्रैल को वक्फ बोर्ड संशोधन बिल को राष्ट्रपति की मंजूरी मिली थी। सरकार ने 8 अप्रैल से अधिनियम के लागू होने की अधिसूचना जारी की। तब से वक्फ संशोधन कानून के खिलाफ देशभर में विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं। बंगाल के मुर्शिदाबाद सहित कई जिलों में हिंसा हुई।

इन्होंने पक्ष और विपक्ष में दर्ज की याचिका 
कांग्रेस, JDU, आम आदमी पार्टी, DMK और सीपीआई के नेताओं, धार्मिक संगठन, जमीयत उलेमा हिंद और ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने वक्फ कानून को चुनौती दी है। वक्फ कानून के खिलाफ 70 से ज्यादा याचिकाएं दाखिल की। बीजेपी शासित मध्य प्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़, असम, महाराष्ट्र और उत्तराखंड सहित 7 राज्यों ने वक्फ कानून के समर्थन में याचिकाएं दायर की हैं। इन राज्यों ने याचिका देकर तर्क दिया है कि वक्फ बोर्ड संशोधन अधिनियम 2025 की संवैधानिक वैधता बरकरार रखी जानी चाहिए।

इनकी याचिकाओं पर चल रही सुनवाई 
सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने 10 याचिकाओं को सूचीबद्ध किया है। AIMIM सांसद असदुद्दीन ओवैसी, दिल्ली के AAP विधायक अमानतुल्ला खान, एसोसिएशन फॉर प्रोटेक्शन ऑफ सिविल राइट्स, जमीयत उलेमा-ए-हिंद के अध्यक्ष अरशद मदनी, ऑल केरल जमीयतुल उलेमा, अंजुम कादरी, तैय्यब खान सलमानी, मोहम्मद शफी, मोहम्मद फजलुर्रहीम और राजद सांसद मनोज कुमार झा की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में लगातार दूसरे दिन सुनवाई हुई।  

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