Surat Building Collapse: गुजरात के सूरत में 6 मंजिला इमारत ढह गई है। हादसे में 7 लोगों की मौत हुई है। मृतकों में 5 लोग मध्य प्रदेश के हैं। हादसा सचिन जीआईडीसी सिद्धि गणेश पाली गांव में शनिवार दोपहर को हुआ। 18 घंटे से एनडीआरएफ और एसडीआरएफ रेस्क्यू कार्य में जुटी है। 5 मृतक सीधी में मझौली थाना क्षेत्र के परासी और दियाडोल गांव के निवासी हैं, जो सूरत मजदूरी करने गए थे। हादसे में परासी गांव के दो सगे भाईयों की भी मौत हुई है।

छह से सात लोग अभी भी फंसे
हादसा शनिवार दोपहर हुआ हुआ था। इसके बाद से ही रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया जा रहा है। रेस्क्यू टीम ने शनिवार रात मलबे से एक महिला को जिंदा भी निकाला। रविवार की सुबह मुख्य अग्निशमन अधिकारी (Fire Officer), सूरत, बसंत पारेख ने हादसे में हुई मौतों की पुष्टि की। उन्होंने कहा कि रात भर चले सर्च ऑपरेशन के बाद सात शव बरामद किए गए हैं।अभी भी मलबे में छह से सात लोगों के फंसे होने की आशंका है।

सीधी जिले के निवासी थे 5 मृतक
मृतकों में से 5 लोग मध्य प्रदेश के सीधी जिले के निवासी थे। यह सभी सीधी जिले के मझौली थाना क्षेत्र के परासी और दियाडोल गांव के निवासी थे। सभी सूरत में मजदूरी करने गए थे। हादसे में परासी गांव के दो सगे भाइयों की भी मौत हुई है। दुर्घटना के बाद, सीधी के सांसद डॉ. राजेश मिश्रा ने सूरत के सांसद मुकेश दलाल से बात की।सीधी सांसद ने एमपी के सभी मजदूरों का शव सीधी भेजने की व्यवस्था करने का अनुरोध किया। 

मृतकों की पहचान इस प्रकार की गई है:

  1. हीरामनी केवट पिता बंभोली केवट, निवासी परासी, पोस्ट टिकरी, सीधी।
  2. लालजी केवट पिता बंभोली केवट, निवासी परासी, पोस्ट टिकरी, सीधी।
  3. शिवपूजन केवट पिता शोखिलाल केवट, निवासी दियाडोल, पोस्ट मझौली, सीधी।
  4. प्रवेश केवट पिता शोखिलाल केवट निवासी दियाडोल, पोस्ट मझौली, सीधी।
  5. अभिलाष केवट पिता छोटे लाल केवट, कोटमा टोला मझौली, सीधी।

SDRF और NDRF की टीम राहत में जुटी
राहत कार्य में राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (SDRF) और राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (NDRF) की टीमें लगी हुई हैं। सूरत पुलिस आयुक्त (Police Commissioner) अनुपम सिंह गहलोत ने मौके पर पहुंचकर बचाव कार्य की निगरानी की और बताया कि शुरूआती राहत कार्य के दौरान फंसे हुए लोगों की आवाजें सुनी गईं। इसके बाद फंसे लोगों को ढूंढ़ने के लिए सर्च ऑपरेशन चलाया गया। 

एक महिला को जिंदा निकाला गया
पुलिस आयुक्त गहलोत ने मीडिया को बताया कि यह इमारत 2016-17 में बनाई गई थी। उन्होंने कहा, 'प्रथम दृष्टया, इमारत में लगभग पांच फ्लैट थे, जिनमें ज्यादातर वे लोग रहते थे जो इस क्षेत्र में फैक्ट्रियों में काम करते हैं।' गहलोत ने बताया, 'जब बचाव कार्य शुरू हुआ, तो अंदर फंसे लोगों की आवाजें सुनी गईं। हमने मलबे से एक महिला को जिंदा निकाला और उसे अस्पताल भेजा। हमें संदेह है कि अभी भी लगभग पांच लोग अंदर फंसे हो सकते हैं।'

नगर निगम प्रशासन ने नहीं कराया डिस्पोज्ड 
सूरत के सचिन पाली इलाके में जो बिल्डिंग गिरी है, उसमें 15 से 20 लोग ही रहते थे। इमारत काफी जर्जर हो गई थी, लेकिन नगर निगम प्रशासन ने उसे जर्जर घोषित कर उसे डिस्पोज्ड नहीं कराया। जिस कारण यह हादसा हुआ। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, सूरत में ऐसी तमाम बिल्डिंग हैं, जो अपनी औषत आयु पूरी कर चुकी हैं, इसके बावजूद लोग उनमें रहते हैं।

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