Tehreek-e-Hurriyat Jammu Kashmir Ban: केंद्र सरकार ने रविवार को जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद के खिलाफ बड़ा कदम उठाया। गृह मंत्रालय ने गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (UAPA) के तहत तहरीक-ए-हुर्रियत (TEH) पर 5 साल के लिए प्रतिबंध लगाया है। इसे 'गैरकानूनी संघ' घोषित किया गया है। गृह मंत्रालय ने चिट्ठी जारी कर दी है। इस संगठन का नेतृत्व पहले दिवंगत अलगाववादी नेता सैयद अली शाह गिलानी करते थे।
भारत विरोधी दुष्प्रचार फैला रहा था संगठन
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि यह संगठन जम्मू-कश्मीर को भारत से अलग करने और इस्लामिक शासन स्थापित करने की प्रतिबंधित गतिविधियों में शामिल था। यह समूह भारत विरोधी दुष्प्रचार फैला रहा है और जम्मू-कश्मीर में अलगाववाद को बढ़ावा देने के लिए आतंकी गतिविधियां जारी रख रहा है।
अमित शाह ने एक्स पर लिखा कि आतंकवाद के खिलाफ पीएम नरेंद्र मोदी की जीरो टॉलरेंस नीति के तहत भारत विरोधी गतिविधियों में शामिल पाए जाने वाले किसी भी व्यक्ति या संगठन को तुरंत विफल कर दिया जाएगा।
तीन दिन पहले भी हुआ एक संगठन प्रतिबंधित
इससे पहले 27 दिसंबर को मुस्लिम लीग जम्मू कश्मीर (मसर्रत आलम गुट) (MLJK-MA) पर प्रतिबंध लगाया गया था। इस संगठन पर भी राष्ट्र-विरोधी और अलगाववादी गतिविधियों में शामिल होने और जम्मू-कश्मीर में इस्लामी शासन स्थापित करने के लिए लोगों को उकसाने का आरोप है। गृह मंत्रालय ने कहा कि संगठन का उद्देश्य जम्मू-कश्मीर को भारत से आजादी दिलाना और पाकिस्तान के साथ इसके विलय को साकार करना और जम्मू-कश्मीर में इस्लामिक स्टेट की स्थापना करना था।
प्रतिबंध के क्या मायने हैं?
- केंद्र सरकार राष्ट्र विरोधी गतिविधियों के लिए किसी संगठन को यूएपीए के तहत आतंकी घोषित कर सकती है।
- प्रतिबंध की समय सीमा पर भी सरकार तय करती है।
- सरकार चाहे तो संगठन सदस्यों का अपराधीकरण कर सकती है। संपत्ति भी कुर्क कर सकती है।
- इस समय देश के 43 संगठन पर यूएपीए कानून के तहत प्रतिबंध लगाया गया है। इनमें खालिस्तानी, लश्कर-ए-तैयबा, जैश ए मोहम्मद, लिट्टे और अलकायदा जैसे संगठन हैं।