Telangana Drugs Control Administration: मुनाफाखोर एक्टिव हैं। ये लोगों की जिंदगी के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं। तेलंगाना के ड्रग कंट्रोल एडमिनिस्ट्रेशन, हैदराबाद के कमिश्नर टास्क फोर्स और मलकपेट पुलिस ने नकली दवाओं के प्रोडक्शन, डिस्ट्रीब्यूशन से जुड़े अवैध इंटर स्टेट नेटवर्क का भंडाफोड़ किया है। 33.35 लाख रुपए की चॉक पाउडर और स्टार्च युक्त नकली दवाएं जब्त की गई हैं। यहां चॉक पाउडर के जरिए दवाएं बनाई जा रही थीं।
यह नकली दवाएं मेडिकल दुकानों में एक गैर मौजूद कंपनी मेग लाइफसाइंसेज द्वारा बेची जा रही थीं। इसी तरह के एक मामले में सिप्ला और ग्लैक्सोस्मिथक्लाइन जैसी प्रतिष्ठित दवा कंपनियों के लेबल के साथ चॉक पाउडर युक्त नकली दवाओं के उत्पादन और बिक्री के लिए उत्तराखंड में एक दवा निर्माण इकाई का भंडाफोड़ किया गया था। ऑपरेशन में पांच लोगों को गिरफ्तार भी किया गया।
दवा की लग सकती है लत
अक्सर आपने बच्चों को चॉक खाते हुए देखा होगा। बच्चों में यह लत कैल्शियम की कमी के कारण लगती है। इससे पेट में कीड़े हो सकते हैं। पथरी भी हो सकती है। यदि दवाओं के रूप में चॉक खाया जा रहा है तो एक दिन दवा की भी लत सकती है।
पिका डिसऑर्डर का खतरा
चाक खाने से पिका रोग होने का खतरा बढ़ जाता है। पिका एक तरह का ईटिंग डिसऑर्डर है। इस डिसऑर्डर में लोगों को चाक, मिट्टी, साबुन, बाल, बर्फ या कागज खाने की आदत पैदा हो जाती है। इसके चलते दांतों को नुकसान, पाचन संबंधी दिक्कतें, आंत में कब्ज, भूख में कमी लग सकती है।