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The Resistance Front: द रजिस्टेंस फ्रंट (TRF) लश्कर-ए-तैयबा का प्रॉक्सी आतंकी संगठन है। 2019 में जम्मू कश्मीर से आर्टिकल-370 हटाए जाने बाद अस्तित्व में आया था। इसके गुर्गे सुरक्षा बलों और आम नागरिकों की हत्या के अलावा ड्रग्स व हथियार तस्करी करते हैं।

The Resistance Front : जम्मू कश्मीर के पहलगाम आतंकी हमले में 27 पर्यटकों की मौत हो गई। जबकि, कई लोग घायल हैं। मंगलवार (22 अप्रैल) को दिनदहाड़े हुए इस हमले की जिम्मेदारी द रजिस्टेंस फ्रंट (TRF) नामक आतंकी संगठन ने ली है। आइए जानते हैं TRF क्या है? कब बना? इस संगठन का मास्टर माइंड कौन है? 

द रजिस्टेंस फ्रंट कब बना? 
द रजिस्टेंस फ्रंट (TRF) लश्कर-ए-तैयबा का प्रॉक्सी आतंकी संगठन है। 2019 में यह आतंकी संगठन जम्मू कश्मीर में आर्टिकल-370 हटाए जाने बाद अस्तित्व में आया था। सुरक्षा मामलों से जुड़े जानकार बताते हैं कि पाकिस्तान की खूफिया एजेंसी ISI हैंडलर्स ने ही लश्कर-ए-तैयबा की मदद से TRF बनाया है। 

क्या करता है द रजिस्टेंस फ्रंट (TRF) ? 

  • द रजिस्टेंस फ्रंट (TRF) आतंकी संगठन जवानों और आम नागरिकों की हत्या करने के अलावा ड्रग्स और हथियार की तस्करी कराता है। सुरक्षा मामलों के विशेषज्ञों ने दावा किया TRF में कुछ नया नहीं है, बल्कि जैश और लश्कर के कैडर्स को ही नया नाम दे दिया गया है। 
  •  आईएसआई ने 1990 में जम्मू-कश्मीर लिबरेशन फ्रंट के बाद पहली बार किसी आतंकी संगठन को गैर इस्लामिक नाम दिया है। इसके गुर्गे दिखने में लोकल और कम धार्मिक लगते हैं। सोशल मीडिया प्लेटफार्म टेलीग्राम और वाट्सऐप के जरिए यह लोग गैर धार्मिक खासकर कश्मीर की आजादी की बातों का प्रचारित करते हैं। ताकि, खुद को गैर इस्लामिक और राष्ट्रवादी दिखा सकें। 

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कई आतंकी घटनाओं में आ चुका नाम 
द रजिस्टेंस फ्रंट (TRF) पहले भी कई आतंकी घटनाओं में नाम सामने आ चुका है। 2020 में बीजेपी नेता और 2023 में कश्मीरी पंडित संजय शर्मा की हत्या के अलावा 2019 के पुलवामा हमले में भी टीआरएफ का नाम सामने आया है। 2023 में इसे गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम (UAPA) के तहत बैन कर सरगना शेख सज्जाद गुल को आतंकवादी घोषित कर दिया है। 

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