Tirupati Temple Sanitization: तिरुपति के श्री वेंकटेश्वर स्वामी मंदिर में सोमवार को 'पंचगव्य प्रक्षालन' के जरिए चार घंटे की शुद्धिकरण प्रक्रिया की गई। मंदिर में लड्डू प्रसाद बनाने में कथित रूप से एनिमल फैट, बीफ टैलो और मछली के तेल कि मिलाने के आरोपों के बाद हुई। आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने आरोप लगाया था कि लड्डू प्रसाद में याचिकाओं में इस्तेमाल किया गया घी (ghee) मिलावटी है।
बता दें कि इस विवाद के बाद से ही पूरे देश में हड़कंप मचा हुआ है। हालांकि, इन आरोपों के बावजूद लोगों की श्रद्धा में कोई कमी नहीं आई है। सोमवार को शुद्धिकरण पूजा में भी सैंकड़ो की संख्या में श्रद्धालु पहुंचे।
पंचगव्य प्रक्षालन से शुद्धिकरण
सोमवार सुबह 6 बजे से 10 बजे तक मंदिर में पूरे वैदिक विधि विधानों और मंत्रोच्चार के बीच ‘शांति होमम पंचगव्य प्रक्षालन’ का आयोजन किया गया। पिछले कुछ समय मंदिर में कथित तौर पर हो रहे अपवित्र कार्यों की अशुद्धता नष्ट करने के लिए यह शुद्धिकरण किया गया। वाईएसआरसीपी सरकार के कार्यकाल के दौरान मंदिर के प्रसाद में निसिद्ध वस्तुओं की मिलावट के बाद तिरुमला मंदिर के पंडितों ने मंदिर का शुद्धिकरण करने का प्रस्ताव दिया था।
लड्डू में बीफ टैलो की हुई मिलावट
आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने आरोप लगाया था कि तिरुपति लड्डू प्रसाद में पशु वसा (Animal fat) और लार्ड मिलाया गया था। तिरुमला तिरुपति देवस्थानम (TTD) के कार्यकारी अधिकारी जे. श्यामला राव ने भी कहा था कि लैब टेस्टिंग में घी के नमूनों में 'बीफ टैलो' (beef tallow) और मछली के तेल (fish oil) की पुष्टि हुई है। टीटीडी की ओर स मंदिर में घी की आपूर्ति करने वाले एआर डेयरी प्रोडक्टस की ओर से एनएबीएल सर्टिफिकेट नहीं दिए जाने की भी बात कही थी।
प्रसाद घोटाले की जांच के लिए SIT गठित
आरोपों के बाद आंध्र प्रदेश सरकार ने इस मामले की जांच के लिए विशेष जांच टीम (SIT) का गठन किया है। यह टीम मंदिर के लड्डू प्रसाद में पशु वसा मिलाने के आरोपों की जांच करेगी। सरकार ने मिलावटी घी की आपूर्ति करने वाले ठेकेदार को ब्लैकलिस्ट करने की प्रक्रिया भी शुरू कर दी है। इसके साथ ही मंदिर में घी की आपूर्ति और प्रसाद बनाने के लिए खरीदी जाने वाली चीजों के टेंडर से जुड़े नियमों में बदलाव किया गया है।
जगन मोहन रेड्डी ने आरोपों को किया खारिज
पूर्व मुख्यमंत्री वाईएस जगन मोहन रेड्डी ने इन आरोपों को खारिज करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को आठ पन्नों का पत्र लिखा। रेड्डी ने चंद्रबाबू नायडू पर धार्मिक आस्थाओं को राजनीतिक लाभ के लिए ठेस पहुंचाने का आरोप लगाया और कहा कि यह पूरी तरह से झूठे आरोप हैं। जगन मोहन रेड्डी ने दावा किया है कि मंदिर के लड्डूओं की लैब रिपोर्ट पुरानी है। यह रिपोर्ट उस समय की है जब तेलंगाना के मुख्यमंत्री खुद चंद्रबाबू नायडू थे।
पीएम मोदी से की दखल देने की मांग
जगन मोहन रेड्डी ने प्रधानमंत्री से इस मामले में दखल देने की अपील की। जगनमोहन ने अपनी चिट्टी में लिखा है कि नायडू के झूठे आरोपों के कारण देश के करोड़ों लोगों की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंची है। इसलिए इस मामले में सख्त कार्रवाई होनी चाहिए। रेड्डी ने चंद्रबाबू नायूड की ओर से लगाए गए आरोपों को राजनीति से प्रेरित बताया है।