Tapas Roy Resigns: लोकसभा चुनाव से पहले पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी की पार्टी तृणमूल कांग्रेस को बड़ा झटका लगा है। नेता तापस रॉय ने पार्टी के विधायक पद से इस्तीफा दे दिया। जब उनसे पूछा गया कि क्या वह भगवा पार्टी में शामिल हो रहे हैं तो उन्होंने इस पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया। तापस रॉय ने यह फैसला प्रवर्तन निदेशालय यानी ईडी द्वारा नगर निकाय भर्तियों में कथित अनियमितताओं के संबंध में छापेमारी के एक दिन बाद लिया है। ईडी ने तापस रॉय सहित तीन पार्टी नेताओं के आवासों पर छापे मारे थे।
ममता ने मेरे समर्थन में एक शब्द नहीं बोला
तापस रॉय मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से खासा नाराज हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि ममता बनर्जी ने उनके समर्थन में एक शब्द भी नहीं बोला और उनके साथ खड़ी नहीं हुईं। उन्होंने कहा कि वह उनके नहीं बल्कि तृणमूल कांग्रेस के अन्य नेताओं के साथ खड़ी हैं। यह पूछे जाने पर कि क्या वह आगामी लोकसभा चुनाव से पहले भाजपा में शामिल हो रहे हैं, तापस रॉय ने कहा कि मैं इस बारे में कुछ नहीं कहने जा रहा हूं। फिलहाल चर्चा है कि तापस भाजपा में शामिल हो सकते हैं।
मेरे आवास पर छापेमारी के पीछे साजिश
तापस रॉय ने आरोप लगाया कि उनके आवास पर जांच एजेंसी की छापेमारी के पीछे पार्टी के किसी नेता की साजिश है। उन्होंने यह भी कहा कि संदेशखाली जैसी घटनाओं ने उन्हें ऐसा निर्णय लेने के लिए मजबूर किया। इससे पहले तृणमूल कांग्रेस नेता कुणाल घोष और ब्रत्य बसु तापस रॉय के घर पहुंचे और उनसे दो से तीन घंटे तक बात की। हालांकि, बाद में तापस रॉय विधानसभा गए और स्पीकर बिमान बनर्जी को अपना इस्तीफा सौंप दिया।
टीएमसी ने कहा- किसी दबाव में रॉय
पार्टी ने कहा कि रविवार को छापेमारी के दौरान प्रवर्तन निदेशालय ने तापस रॉय का फोन छीन लिया था। दो दिन बाद जब उनका फोन एक्टिव हुआ तो पार्टी ने उनसे बात की, लेकिन ऐसा लगा कि उन्होंने विधायक पद छोड़ने का मन बना लिया है और पहले से ही किसी दबाव में हैं।
क्या 2022 से ही नाराज चल रहे तापस रॉय
साल 2022 में ममता बनर्जी के कैबिनेट में हुए फेरबदल के दौरान तापस को मंत्री बनाए जाने की अटकलें थीं। लेकिन बराहनगर के वरिष्ठ विधायक तापस राय मंत्री नहीं बन पाए। इसके बाद उनके राजनीति छोड़ने को लेकर एक वीडियो वायरल हुआ था। तापस ने माना था कि वायरल वीडियो उनका ही है। वीडियो में पूर्व मंत्री तापस एक बैठक में कहते सुनाई दे रहे थे कि 'मुझे रोक पाना बहुत मुश्किल है। समय आने पर मैं पार्टी को बता दूंगा कि मैं अब राजनीति नहीं करना चाहता। उनका बेटा फिलहाल अमेरिका में नौकरी करता है, उनकी बेटी भी कोलकाता में एक निजी कंपनी में नौकरी करती है। तापस के अलावा उनके परिवार में कोई भी राजनीति से नहीं जुड़ा है।
छात्र राजनीति से सक्रिय राजनीति में उतरे
तापस कोलकाता नगर निगम के दो बार पार्षद रह चुके हैं। वह विद्यासागर और बड़ाबाजार निर्वाचन क्षेत्रों से विधायक भी बने। तापस छात्र राजनीति से राजनीति में उभरे थे। 2011 में ममता ने उन्हें बराहनगर से उम्मीदवार बनाया था। वह उस सीट से लगातार तीन बार विधायक रहे हैं। जनवरी 2019 में ममता ने उन्हें कैबिनेट में जगह भी दी थी। हालांकि विधानसभा चुनाव के बाद ममता ने उन्हें कैबिनेट में नहीं रखा था।