Uddhav Thackeray on disqualification decision: महाराष्ट्र विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर ने बुधवार को मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की अगुवाई वाली गुट को असली शिवसेना करार दिया। इस पर उद्धव ठाकरे ने अपनी नाराजगी जाहिर की है। उद्धव ठाकरे ने कहा कि अगर हमारा पार्टी संविधान वैध नहीं था तो हमें अयोग्य घोषित क्यों नहीं किया गया। विधानसभा अध्यक्ष ने एक चोर को ही राजा बना दिया। क्या नार्वेकर को इस बात का कोई आइडिया नहीं था कि उन्हें सुप्रीम कोर्ट ने क्या काम सौंपा है। 

हम फैसले को देंगे चुनौती: उद्धव
उद्धव ठाकरे ने विधानसभा अध्यक्ष के फैसले को लेकर कहा कि यह सुप्रीम कोर्ट का अपमान और लोकतंत्र की हत्या का आरोप है। उद्धव ने कहा कि शिवसेना यूबीटी गुट इस फैसले को चुनौती देगा। विधानसभा अध्यक्ष ने एक ऐसा फैसला सुनाया जो उन्हें सुप्रीम कोर्ट की ओर से दिए गए दिशा निर्देशों के दायरे से बाहर है। कोर्ट ने उन्हें एक फ्रेमवर्क दिया था। हालांकि, विधानसभा अध्यक्ष ने इसका ध्यान ही नहीं रखा। क्या वह अपने आप को सुप्रीम कोर्ट से ऊपर समझते हैं।

अपना रास्ता साफ करने में लगे थे नार्वेकर
उद्धव ठाकरे ने कहा कि कोई ट्रिब्यूनल कोर्ट से ऊपर कैसे हो सकता है।  नार्वेकर को दल बदल को लेकर सख्त कानून बनाना चाहिए था। लेकिन इसके बजाया वह अपना रास्ता साफ बनाने में लगे थे। मैंने कल ही कह दिया था कि शिंदे गुट और विधानसभा अध्यक्ष के बीच फिक्सिंग हुई है। उद्धव ठाकरे ने कि नार्वेकर ने खुद भी कई बार पार्टियां बदली है। ठाकरे ने शिंदे और नार्वेकर के बीच सांठ-गांठ का भी आरोप लगाया। उद्धव ने कहा कि हम देखेंगे कि इसे लेकर सुप्रीम कोर्ट की अवमानना का दर्ज कराया जा सकता है या नहीं। 

उद्धव के बयान पर क्या बोले नार्वेकर
महाराष्ट्र विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर ने फैसले को उद्धव गुट की ओर से चुनौती दिए जाने के बारे में पूछने पर कहा कि भारत के सभी नागरिक को सुप्रीम कोर्ट या हाईकोर्ट जाने का हक है। हालांकि, सिर्फ आप कोर्ट जाते हैं इसका मतलब यह नहीं है कि विधानसभा स्पीकर का फैसला पलट दिया गया है। आपको साबित करना होगा कि आदेश कानून की नजरों में अवैध है। किसी के आधारहीन आरोप फैसले को गलत साबित नहीं कर सकते। 

क्या कहा शिवसेना नेता प्रियंका चतुर्वेदी ने
शिवसेना नेता प्रियंका चतुर्वेदी ने कहा कि हमें इस फैसले को सुनकर किसी तरह की हैरानी नहीं हुई। चतुर्वेदी ने कहा कि हमने सुना था कि वही होता है जो मंजूर-ए-खुदा होता है। हालांकि साल 2014 के बाद एक नई परंपरा शुरू हुई है। अब यह जुमला बदलकर वही होता है जो मंजूर-ए-नरेंद्र मोदी और अमित शाह होता है, हो गया है। यही सब कुछ हमें महाराष्ट्र में भी देखने को मिल रहा है। यह राजनीतिक मूल्यों के साथ एक दुर्भाग्यपूर्ण समझौता है। जिस चीज को सुप्रीम कोर्ट ने अवैध और असंवैधानिक बताया था। उसे वैध करार दे दिया गया है। 

फैसला आने के बाद शिंदे गुट में खुशी की लहर
विधानसभा अध्यक्ष नार्वेकर ने जैसे ही शिंदे गुट के असली शिवसेना होने का आदेश दिया, शिंदे गुट में खुशी की लहर देखी गई। शिंदे गुट ने अपने कार्यालय के सामने एक दूसरे को मिठाई खिलाकर जश्न मनाया। वहीं केंद्रीय मंत्री रामदास अठावले ने कहा कि यह उद्धव ठाकरे के लिए बड़ा झटका है। अब एकनाथ शिंदे ही महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री रहेंगे। शिंदे की ही पार्टी अब संविधान के मुताबिक असल शिवसेना होगी। यह फैसला संविधान के अनुसार किया गया है। इससे हमें आने वाले लोकसभा चुनाव में फायदा होगा।