UN General Assembly: विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने न्यूयॉर्क में आयोजित 79वें संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) सत्र में पाकिस्तान को कड़ी चेतावनी दी। उन्होंने पाकिस्तान की दशकों पुरानी आतंकवाद की नीति पर निशाना साधते हुए कहा कि "पाकिस्तान के कार्यों के निश्चित रूप से गंभीर परिणाम होंगे।" अपने लगभग 20 मिनट के भाषण के अंत में जयशंकर ने 'पाकिस्तान की समस्या' पर बात करते हुए इस्लामाबाद को स्पष्ट संदेश दिया कि "पाकिस्तान की सीमा-पार आतंकवाद की नीति कभी सफल नहीं होगी।"

'पड़ोसियों पर भी पड़ता है पाकिस्तान के कर्मों का असर'
जयशंकर ने कहा कि पाकिस्तान जो 1947 में अपनी स्थापना के बाद से अब तक के सबसे गंभीर आर्थिक संकट का सामना कर रहा है, इसके पीछे उसकी "जानबूझकर की गई गलतियां" हैं, जिनके विनाशकारी परिणाम हुए हैं। जयशंकर ने कहा- "कई देश अनियंत्रित परिस्थितियों के कारण पिछड़ जाते हैं, लेकिन कुछ जानबूझकर ऐसे विनाशकारी फैसले लेते हैं जिनका खामियाजा उन्हें भुगतना पड़ता है। इसका प्रमुख उदाहरण हमारा पड़ोसी पाकिस्तान है। दुर्भाग्य से उनके द्वारा किए गए गलत कामों का असर दूसरों पर भी पड़ता है, खासकर उनके पड़ोसियों (भारत) पर।"

पाकिस्तान अपनी हालत के लिए खुद जिम्मेदार: विदेश मंत्री 
विदेश मंत्री जयशंकर ने कहा- "जब कोई देश अपने लोगों में इतनी कट्टरता भरता है, तो उसकी आर्थिक प्रगति कट्टरता में ही मापी जाती है और उसका निर्यात आतंकवाद के रूप में होता है।" पाकिस्तान की युवाओं को कट्टरपंथी बनाने की नीति पर कटाक्ष करते हुए जयशंकर ने कहा, "आज हम देख रहे हैं कि उन्होंने जो बुराइयां दूसरों पर थोपने की कोशिश की थी, वे अब उनके अपने समाज को ही खा रही हैं। वे इसके लिए दुनिया को दोष नहीं दे सकते; यह केवल कर्मों का फल है।" (ये भी पढ़ें... UN में पाकिस्तान को भारत का करारा जवाब: कहा- जो खुद आतंकवाद का गढ़, वह अहिंसा की बात करे, यह सबसे बड़ा पाखंड)

'दूसरों की जमीन हड़पने वालों को बेनकाब करना जरूरी'

  • विदेश मंत्री ने जयशंकर ने कहा, "एक असफल राष्ट्र जो दूसरों की जमीन पर लालच करता है, उसे बेनकाब करना जरूरी है और उसका विरोध होना चाहिए। कल इसी मंच से हमने पाकिस्तान से कुछ अजीबोगरीब दावे सुने। इसलिए मैं भारत की स्थिति स्पष्ट कर देना चाहता हूं।"
  • भाषण के अंत में उन्होंने कहा, "पाकिस्तान की सीमा-पार आतंकवाद की नीति कभी सफल नहीं हो सकती और उसे दंड से बचने की कोई उम्मीद नहीं होनी चाहिए। इसके विपरीत उनके कार्यों के परिणाम निश्चित रूप से गंभीर होंगे। हमारे बीच अब इकलौता मुद्दा यह है कि पाकिस्तान के अवैध कब्जे वाले भारतीय क्षेत्र को खाली कराया जाए। साथ ही आतंकवाद के प्रति उनकी प्रतिबद्धता को खत्म किया जाए।"