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Amit Shah on Terrorism: शुक्रवार, 21 मार्च को राज्यसभा में गृह मंत्रालय के कामकाज पर चर्चा के जवाब में अमित शाह ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद से होने वाली मौतों में 70% की गिरावट दर्ज की गई है। साथ ही उन्होंने कहा कि हमारी सरकार आतंक और आतंकियों को नहीं सहेगी।

Amit Shah on Terrorism: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शुक्रवार (21 मार्च) को राज्यसभा में कामकाज पर चर्चा के दौरान आतंकवाद और आतंकियों के खिलाफ जमकर बोला।  उन्होंने कहा कि हमारी सरकार आतंकवाद और आतंकियों को नहीं सहेगी। मोदी सरकार आतंकवादियों के खिलाफ तेजी से कार्रवाई कर रही है, जिसका नतीजा है कि जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद से होने वाली मौतों में 70% की गिरावट दर्ज की गई है।

आतंकवाद के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति
अमित शाह ने कहा, "पड़ोसी देश से आतंकवादी कश्मीर में घुस आते थे, वे यहां बम विस्फोट और हत्याएं करते थे। ऐसा कोई त्योहार नहीं था जो बिना किसी चिंता के मनाया जाता था। 2014 से पहले केंद्र सरकारों का रवैया लचीला था। वे चुप रहते थे और बोलने से डरते थे। उन्हें अपने वोट बैंक की चिंता थी। पीएम नरेंद्र मोदी के सत्ता में आने के बाद हमने आतंकवाद के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाई।''

उन्होंने आगे कहा कि मोदी सरकार आने के बाद भी उरी और पुलवामा पर हमले हुए। लेकिन हमने 10 दिनों के भीतर पाकिस्तान में घुसकर एयरस्ट्राइक और सर्जिकल स्ट्राइक के जरिए उन्हें जवाब दिया। आतंकवाद के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति वहीं से शुरू हुई।

आतंकवादी घटनाओं में गिरावट
अमित शाह ने राज्यसभा में जानकारी दी कि जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद से होने वाली मौतों में 70% की कमी आई है। आतंकवादी घटनाओं में भी काफी गिरावट देखी गई है। उन्होंने कहा कि देश की आंतरिक सुरक्षा और सीमाओं को मजबूत करने के लिए हजारों राज्य पुलिस और केंद्रीय अर्धसैनिक बलों के जवानों ने अपने प्राणों की आहुति दी है, जिनके प्रति वह आभार व्यक्त करते हैं।

आर्टिकल 370 का अंत
गृह मंत्री ने कहा कि आर्टिकल 370 को हटाकर मोदी सरकार ने संविधान निर्माताओं के 'एक संविधान, एक झंडा' के सपने को पूरा किया है। उन्होंने कहा, "जम्मू-कश्मीर में अब सिनेमा हॉल शाम को खुले रहते हैं, G20 मीटिंग हुई, और मुहर्रम की जुलूस निकाली गई। आतंकवाद और वामपंथी उग्रवाद देश की प्रगति में बाधा बन रहे थे, जिसके कारण 92,000 लोगों ने अपनी जान गंवाई।"

जम्मू-कश्मीर में विकास कार्य
अमित शाह ने बताया कि जम्मू-कश्मीर में 2019 से 2024 के बीच 40,000 सरकारी नौकरियां प्रदान की गई हैं और 1.51 लाख स्वरोजगार के अवसर पैदा किए गए हैं। उन्होंने कहा, "आकर्षक औद्योगिक नीति के कारण जम्मू-कश्मीर में 12,000 करोड़ रुपए का निवेश हुआ है और 1.1 लाख करोड़ रुपए के एमओयू पर हस्ताक्षर किए गए हैं।"

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