UP Rajyasabhan Election: उत्तर प्रदेश में मंगलवार को राज्यसभा की 10 सीटों के लिए वोटिंग होने वाली है। इसे ध्यान में रखते हुए सोमवार को  समाजवादी पार्टी ने बैठक बुलाई थी। इस पार्टी बैठक में करीब 8 विधायक शामिल नहीं हुए। अब इस बात का डर पैदा हो गया है कि बैठक से नदारद  रहे समाजवादी पार्टी के ये 9 विधायक चुनाव के दौरान क्रॉस वोटिंग कर सकते हैं। 

डीनर मीटिंग से गायब रहने वाले विधायक कौन?
बता दें कि राज्यसभा चुनाव से पहले समाजवादी पार्टी की ओर से डीनर मीटिंग बुलाई गई थी। इसमें पार्टी के सभी विधायकों को शामिल होने का न्यौता भेजा गया था। हालांकि पार्टी के राकेश प्रताप सिंह, अभय सिंह, महराजी प्रजापति, विनोद चतुर्वेदी, राकेश पांडे, मनोज कुमार पांडे, पूजा पाल और पल्लवी पटेल इसमें शामिल नहीं हुए। इसके बाद से राज्यसभा चुनाव में पेंच फंसता नजर आ रहा है। 

समाजवादी पार्टी के तीन उम्मीदवार हैं मैदान में
बता दें कि समाजवादी पार्टी ने राज्यसभा चुनाव के लिए तीन उम्मीदवार मैदा में उतारे हैं। इनमें सांसद जया बच्चन, उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्य सचिव आलोक रंजन और दलित नेता रामजी लाल सुमन शामिल है। सूत्रों के हवाले से आई खबरों के मुताबिक इन उम्मीदवारों के नामों का ऐलान किए जाने से पार्टी के कुछ विधायक संतुष्ट नहीं थे। विधायकों का कहना है कि जया बच्चन और आलोक रंजन के नाम से संतुष्ट नहीं है।

आखिर किस बात से नाराज हैं समाजवादी पार्टी के विधायक
विधायकों का कहना है कि आलोक रंजन और जया बच्चन, पीडीए (PDA) यानी की पिछड़ा, दलित और अल्पसंख्यक वर्ग से नहीं आते हैं। पीडीए का कॉन्सेप्ट अखिलेश यादव ने ही दिया था और वादा किया था कि इसी हिसाब से कैंडिडेट चुने जाने का वादा किया था। इन तीनों उम्मीदवारों में सिर्फ रामजी लाल सुमन ही पीडीए पैरामिटर पर खड़े उतरते हैं।  जया बच्चन और आलोक रंजन कायस्थ समुदाय से हैं, जो कि इन तीनों वर्ग में नहीं आता। 

यूपी की 10 राज्यसभा सीटों के लिए 11 कैंडिडेट हैं मैदान में
समाजवादी पार्टी के टिकट पर 2022 का चुनाव जीतने वाली अपना दल (कमेरावादी) नेता पल्लवी पटेल ने घोषणा की कि वह जया बच्चन और आलोक रंजन को वोट नहीं देंगी क्योंकि वे पीडीए का हिस्सा नहीं हैं। उत्तर प्रदेश की 10 राज्यसभा सीटों के लिए ग्यारह उम्मीदवार मैदान में हैं। इनमे से समाजवादी पार्टी के तीन और भाजपा के आठ कैंडिडेट राज्यसभा चुनाव लड़ रहे हैं।