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MSP Debate: फसलों की एमएसपी तय करने के लिए कानून की मांग को लेकर 2020-21 में किसानों के एक साल लंबे आंदोलन के बाद मोदी सरकार ने एमएसपी कमेटी का गठन किया था।

MSP Debate: केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने शुक्रवार को राज्यसभा में न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) को लेकर विपक्ष को जमकर खरीखोटी सुनाईं। वे मानसून सत्र के दौरान 26 जुलाई को विपक्ष के सवालों का जवाब दे रहे थे। इस दौरान चौहान ने सदन को बताया कि केंद्र सरकार कृषि उत्पादों के लिए एमएसपी पर कमेटी की रिपोर्ट आने का इंतजार कर रही है और रिपोर्ट मिलने के बाद उचित फैसला लिया जाएगा। किसान हमारे लिए भगवान की तरह हैं।

SP सांसद का सवाल- सरकार MSP पर कानून लाएगी?
समाजवादी पार्टी (एसपी) के रामजी लाल सुमन ने सवाल पूछा था कि क्या केंद्र सरकार मौजूदा सत्र में एमएसपी को कानूनी गारंटी देने के लिए कोई कानून लाएगी? पिछली मोदी सरकार ने 2020-21 में किसानों के एक साल लंबे आंदोलन के बाद एमएसपी कमेटी बनाई थी, जिसमें एमएसपी को कानूनी बनाने की मांग की गई थी। एमएसपी एक सरकारी-निर्धारित न्यूनतम मूल्य है, जो किसानों को संकट बिक्री से बचाने के लिए तय किया जाता है।

यूपीए सरकार ने खारिज की थीं सिफारिशें: शिवराज
कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा- "कमेटी का गठन खास उद्देश्यों के साथ किया गया था। इसका उद्देश्य किसानों के लिए एमएसपी सुनिश्चित करना, कृषि लागत, मूल्य आयोग को अधिक स्वायत्तता देना और बेहतर मूल्य प्राप्ति के लिए मार्केटिंग में सुधार करना है।'' 
शिवराज के जवाब पर विपक्ष ने विरोध जताया, जिसमें मंत्री पर "सीधे" सवाल का जवाब देने से बचने का आरोप लगाया। शिवराज ने पलटवार करते हुए कहा कि तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के नेतृत्व वाली सरकार ने स्वामीनाथन आयोग की सिफारिश को खारिज कर दिया था कि एमएसपी को खेती की लागत पर 50% रिटर्न देना चाहिए। चौहान ने जुलाई 28, 2007 की कैबिनेट नोट का हवाला देते हुए कहा कि कांग्रेस नेतृत्व वाली सरकार ने एमएसपी सिफारिश को लागू करने से इनकार कर दिया था, यह कहते हुए कि इससे बाजार विकृत हो सकता है।

क्या थीं स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशें?

  • स्वामीनाथन रिपोर्ट की सिफारिश के अनुसार एमएसपी को लागत के ऊपर 50% रिटर्न देना चाहिए, लेकिन पैनल ने एमएसपी के लिए कोई कानूनी समर्थन देने का उल्लेख नहीं किया था। 2018-19 के बजट में, मोदी सरकार ने घोषणा की थी कि एमएसपी को इस प्रकार निर्धारित किया जाएगा कि किसानों को 50% रिटर्न मिले। 
  • स्वामीनाथन पैनल, आधिकारिक रूप से राष्ट्रीय किसान आयोग को मनमोहन सिंह सरकार द्वारा कृषि को उत्पादक बनाने के लिए स्थापित किया गया था। इसने दिसंबर 2004 और अक्टूबर 2006 के बीच पांच रिपोर्ट प्रस्तुत कीं। 

मंत्री जवाब देने के बजाय मुद्दे से भटक रहे हैं: सुरजेवाला
कांग्रेस सांसद रणदीप सिंह सुरजेवाला ने विरोध जताते हुए कहा कि मंत्री सीधे सवाल का जवाब देने के बजाय मुद्दे से भटक रहे हैं। सपा सांसद सुमन ने पूछा, "आप एमएसपी कमेटी के लिए कितने समय तक इंतजार करेंगे? क्या आप कानूनी गारंटी देंगे या नहीं?" चौहान ने कहा, "किसान हमारे लिए भगवान की तरह हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में हमारी सरकार किसानों की आय बढ़ाने और उन्हें दोगुना करने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ेगी।"

शिवराज सिंह का X पोस्ट- कोई कसर नहीं छोड़ेंगे
कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने X पोस्ट में लिखा- ''किसानों के नाम पर विपक्ष सिर्फ राजनीति कर रहा है। स्वामीनाथन कमेटी ने लागत पर 50% मुनाफा देकर समर्थन मूल्य की सिफारिश की, लेकिन यूपीए सरकार ने इसे खारिज किया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में खेती को लाभ का धंधा बनाने में और किसानों की आमदनी दोगुनी करने में हम कोई कसर नहीं छोड़ेंगे। हम दिन-रात काम करेंगे। हमने किसानों के हित में कई अहम फैसले लिए हैं और आगे भी लेते रहेंगे।''

कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने X पोस्ट में कहा कि कृषि मंत्री से "सीधा और स्पष्ट सवाल पूछा गया था, लेकिन 30 मिनट तक उन्होंने टालमटोल किया और सवाल का जवाब देने से बचते रहे।"

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