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आरबीआई ने तीन दिवसीय मौद्रिक नीति बैठक में यूपीआई ट्रांजैक्शन लिमिट बढ़ाते हुए कहा कि यह फैसला उपभोक्ताओं के लिए अस्पतालों और शैक्षणिक संस्थानों को बड़ी रकम भुगतान करने में मददगार साबित होगा।

UPI Payment: रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने अस्पतालों और शैक्षणिक संस्थानों के लिए यूपीआई ट्रांजैक्शन की सीमा 1 लाख रु. से बढ़ाकर 5 लाख रुपए कर दी है। इसके साथ ही कुछ कैटेगरी में बिना ओटीपी के भी पेमेंट कर पाएंगे। सरकार ने एक लाख रुपए तक के ऑटो डेबिट वाले यूपीआई पेमेंट पर OTP से छूट दी है। साथ ही यूपीआई ऑटो पेमेंट की लिमिट बढ़ाने को भी हरी झंडी दी है।

आरबीआई की नई व्यवस्था के तहत म्यूचुअल फंड सब्सक्रिप्शन, बीमा प्रीमियम सब्सक्रिप्शन और क्रेडिट कार्ड रीपेमेंट के लिए यूपीआई ऑटो पेमेंट ऑप्शन सेट करने पर एक्स्ट्रा फैक्टर ऑथेंटिकेशन (AFA) की लिमिट बढ़ाकर 1 लाख रु. कर दी है। पहले यह 15 हजार रुपए थी।

ट्रांजैक्शन लिमिट बढ़ने से यूजर्स को लाभ 
आरबीआई ने तीन दिवसीय मौद्रिक नीति बैठक में यूपीआई ट्रांजैक्शन लिमिट बढ़ाते हुए कहा कि यह फैसला उपभोक्ताओं के लिए अस्पतालों और शैक्षणिक संस्थानों को बड़ी रकम भुगतान करने में मददगार साबित होगा। इसके इतर आरबीआई ने मॉनेटरी पॉलिसी में ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं किया है। फिलहाल यह दर 6.50% पर है।

देश में यूपीआई ट्रांजैक्शन तेजी से बढ़ा 
यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (यूपीआई) भारत में मोबाइल आधारित फास्ट पेमेंट सिस्टम है। जो उपभोक्ता के द्वारा बनाए गए वर्चुअल पेमेंट एड्रेस (VPA) का इस्तेमाल कर किसी भी वक्त पैसे भेजने और प्राप्त करने की सुविधा प्रदान करता है। देश में डिजिटल पेमेंट का चलन बढ़ने के साथ ही यूपीआई पेमेंट में तेजी से वृद्धि हो रही है।

भारत से बाहर भी यूपीआई सिस्टम की धमक
सरकार के लिए सबसे बड़ी उपलब्धि है कि आज यूपीआई के लाभ सिर्फ भारत ही नहीं विदेशों में रहने वाले लोग भी उठा रहे हैं। फिलहाल श्रीलंका, फ्रांस, यूएई और सिंगापुर भारत के साथ मिलकर फिनटेक और पेमेंट सिस्टम पर काम कर रहे हैं।

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