नई दिल्ली/देहरादून. उत्तरकाशी में 41 मजदूरों को सुरंग से बाहर निकालने के लिए रेस्क्यू ऑपरेशन अंतिम दौर में है। यहां 17 दिन से फंसे 41 मजदूरों को किसी भी वक्त बाहर लाया जा सकता है। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर धामी मंगलवार सुबह सिलक्यारा टनल पहुंचे। मजदूरों के चेकअप के लिए तमाम मेडिकल सुविधाएं एवं एंबुलेंस मौके पर पहुंच गई हैं। यहां मजदूरों के परिजनों को भी बुलाया गया है।
एनडीएमए के लेफ्टिनेंट जनरल (रि.) सैयद अता हसनैन ने कहा कि हम कामयाबी के करीब हैं। टनल के अंदर पहले से मौजूद मजदूरों और पाइप से अंदर भेजे गए एनडीआरएफ के जवानों, सबकी सलामती चाहते हैं। कोई जल्दबाजी नहीं करना चाहते हैं। अभी मैन्युअली काम चल रहा है। राज्य सरकार के साथ-साथ हर एजेंसी ने अपनी भूमिका बखूबी निभाई है। एक-एक व्यक्ति को निकालने में 3 से 5 मिनट का वक्त लगेगा। इस प्रकार टनल से सभी लोगों को बाहर लाने में 3 से 4 घंटे लग सकते हैं। एयरलिफ्ट के लिए चिनूक हेलिकॉप्टर तैयार हैं। लेकिन शाम 4.30 बजे के बाद ये हेलिकॉप्टर उड़ान नहीं भरेंगे। ऐसे में 30 से 50 बेड की मेडिकल फैसिलिटी टनल के अंदर तैयार की गई है।
रेट होल माइनिंग से मिली सफलता
रेस्क्यू टीम ने सिलक्यारा टनल के अंदर मैन्युअली 'रेट होल माइनिंग' कर पाइप अंदर डाला है। इसके लिए दिल्ली और झांसी से 6 रेट होल माइनर मैन्युअल खुदाई के लिए बुलाए गए। टनल में फंसे मजदूर मलबे के दूसरी तरफ 60 मीटर की दूरी पर थे।
इंटरनेशनल टनलिंग एक्सपर्ट मौजूद
मजदूरों को सुरक्षित निकालने के लिए अंतरराष्ट्रीय टनलिंग एक्सपर्ट अर्नाल्ड डिक्स को बुलाया गया है। उन्होंने दिनरात एक कर ऑपरेशन में अहम भूमिका निभाई। यही नहीं मंगलवार को उन्होंने 17 दिन से सुरंग में फंसे मजदूरों की सलामती के लिए मंदिर में प्रार्थना भी की।