Vikramaditya Singh Attends Ram Lalla Pran Pratishtha: भले ही कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे समेत अन्य विपक्षी नेताओं ने राम मंदिर का निमंत्रण ठुकरा दिया हो, लेकिन हिमाचल सरकार के मंत्री विक्रमादित्य सिंह अयोध्या पहुंचे। उन्होंने राम ज्नमभूमि में बने भव्य मंदिर का दर्शन किया। रामलला की पूजा की और पूरे समारोह के साक्षी बने। विक्रमादित्य सिंह हिमाचल प्रदेश में पीडब्ल्यूडी मंत्री हैं।
विक्रमादित्य सिंह सुबह ही राम जन्मभूमि पहुंच गए थे। प्राण प्रतिष्ठा समारोह के बाद कांग्रेस नेता विक्रमादित्य सिंह ने कहा, 'मैं यहां उपस्थित होकर भाग्यशाली महसूस कर रहा हूं। आज देश और दुनिया के लिए एक ऐतिहासिक दिन है। मुझे गर्व महसूस हो रहा है। मैं भगवान राम से प्रार्थना है कि आने वाला वर्ष हिमाचल प्रदेश के लोगों के लिए सुखदाई हो। लोगों के लिए आने वाला साल विकास लेकर आए। हमारा राज्य विकास के पथ पर आगे बढ़े।
इससे पहले हिमाचल की सरकार ने प्रदेश सभी राज्य सरकारी कर्मचारियों के लिए 22 जनवरी को आधे दिन की घोषणा की थी। ऐसा करने वाला वह एकमात्र कांग्रेस शासित राज्य है।
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कांग्रेस ने क्यों ठुकराया था निमंत्रण?
कांग्रेस ने 'प्राण प्रतिष्ठा' समारोह का निमंत्रण ठुकरा दिया था। इसे भाजपा और राष्ट्रीय स्वयं संघ का कार्यक्रम बताया था। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और लोकसभा में नेता अधीर रंजन चौधरी ने रामलला के प्राण प्रतिष्ठा समारोह में जाने से मना कर दिया था।
कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने एक पत्र जारी कर कहा था कि भगवान राम हमारे देश में लाखों लोगों द्वारा पूजे जाते हैं। धर्म एक व्यक्तिगत मामला है। लेकिन आरएसएस और बीजेपी ने लंबे समय से अयोध्या में मंदिर का राजनीतिक प्रोजेक्ट बनाया है। बीजेपी और आरएसएस के नेताओं द्वारा अधूरे मंदिर का उद्घाटन किया गया है। भाजपा चुनावी लाभ लेना चाहती है। राम मंदिर सुप्रीम कोर्ट के फैसले से बना है।
पीएम मोदी ने संतों की मौजूदगी में की प्राण प्रतिष्ठा
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को रामलला की प्राण प्रतिष्ठा की। मंदिर के गर्भगृह में आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत, उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल और राज्य के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी मौजूद थे। भव्य मंदिर में समारोह के लिए 8,000 से अधिक मेहमानों को आमंत्रित किया गया था।
भूतल पर रामलला विराजमान
मंदिर का निर्माण पारंपरिक नागर शैली में किया गया है। इसकी लंबाई (पूर्व-पश्चिम) 380 फीट है। जबकि चौड़ाई 250 फीट और ऊंचाई 161 फीट है। इसमें 392 स्तंभ और 44 दरवाजे लगे हैं। मंदिर के स्तंभों और दीवारों पर हिंदू देवी-देवताओं और देवियों की मूर्तियों की नक्काशी की गई है। भूतल पर मुख्य गर्भगृह में भगवान श्री राम के बाल स्वरूप रामलला को स्थापित किया गया है।
राम मंदिर तक पहुंचने के लिए 32 सीढ़ियां
मंदिर का मुख्य प्रवेश द्वार पूर्वी दिशा में स्थित है, जहां सिंह द्वार के माध्यम से 32 सीढ़ियां चढ़कर पहुंचा जा सकता है। मंदिर में कुल पांच मंडप हैं। मंदिर के पास प्राचीन काल का एक ऐतिहासिक कुआं है। जिसे सीता कूप के नाम से जाना जाता है। मंदिर परिसर के दक्षिण-पश्चिमी भाग में कुबेर टीला है। यहां भगवान शिव के प्राचीन मंदिर का जीर्णोद्धार किया गया है, साथ ही जटायु की एक मूर्ति भी स्थापित की गई है।