Vintera Training: भारतीय नौसेना की नई सबमरीन एस्केप ट्रेनिंग फैसिलिटी, 'विनेत्र', का 13 सितंबर 2024 को विशाखापट्टनम में उद्घाटन किया गया। इस आधुनिक ट्रेनिंग सेंटर में कलवरी श्रेणी की सबमरीन्स के क्रू मेंबर्स को आपातकालीन स्थितियों में सुरक्षित तरीके से बाहर निकलने की ट्रेनिंग देना है। यह सेंटर भारतीय नौसेना की सुरक्षा तैयारियों को और भी मज़बूत बनाएगा। इसके साथ ही, 'विनेत्र' का निर्माण 'आत्मनिर्भर भारत' की दिशा में उठाया गया एक महत्वपूर्ण कदम है।

पूरी तरह से स्वदेशी तकनीक से हुआ है तैयार
विनेत्र को पूरी तरह से स्वदेशी तकनीक से तैयार किया गया है, जो भारत की रक्षा उत्पादन क्षमता को मज़बूत करता है। इस अत्याधुनिक ट्रेनिंग फैसिलिटी का निर्माण मेसर्स L&T डिफेंस द्वारा टर्नकी प्रोजेक्ट के रूप में किया गया है। इस फैसिलिटी में पांच मीटर ऊंचे एस्केप टॉवर के साथ एक डाइविंग बेसिन भी शामिल है। इससे कलवरी श्रेणी की सबमरीन्स के क्रू को आधारभूत और रिफ्रेशर ट्रेनिंग दी जाएगी, जिससे वे आपातकालीन स्थितियों में भी सुरक्षित निकल सकें।

Vinetra Training Facility

सबमरीन क्रू के लिए सुरक्षा में बड़ा योगदान
विनेत्र, का मतलब  'प्रशिक्षक' होता है। इस ट्रेनिंग सेंटर सबमरीन क्रू को समुद्र में किसी भी इमरजेंसी की स्थिति में निपटने के लिए तैयार किया जाए। इस ट्रेनिंग फैसिलिटी के साथ, नौसेना की ऑपरेशनल तैयारियों, सुरक्षा प्रोटोकॉल और प्रशिक्षण इंफ्रास्ट्रक्चर में भी सुधार आएगा। यहां से ट्रेंड होने के बाद नौसैनिक किसी भी आपदा में नाविकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के ऑपरेशन के लिए पूरी तरह से तैयार होंगे।

Vintera Training Facility

विशाखापट्टनम में खोला गया है ट्रेनिंग सेंटर
विनेत्र ट्रेनिंग फैसिलिटी का उद्घाटन उप-एडमिरल राजेश पेंढारकर, फ्लैग ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ, ईस्टर्न नेवल कमांड ने किया। यह ट्रेनिंग सेंटर INS सतवाहना, विशाखापट्टनम में स्थित है, जो भारत की नौसेना की सबसे प्रमुख बेस में से एक है। इस मौके पर इंडिया नेवी के कई सीनियर अफसर और कई जानी मानी हस्तियां मौजूद थी।

नौसेना की ताकत में हाेगा इजाफा
विनेत्र का डिजाइन भारतीय रक्षा क्षमताओं के इन्नोवेशन की दिशा में एक अहम कदम है। यह न केवल सबमरीन क्रू को आपातकालीन स्थितियों में सुरक्षित रखने की ट्रेनिंग देगा, बल्कि नौसेना की कुल ऑपरेशनल क्षमता को भी बढ़ावा देगा। यह सबमरीन समुद्री सुरक्षा में समुद्री सुरक्षा काे मजबूती देगा। आने वाले समय में नौसेना की ताकत में इजाफा होगी।