Waynad Reacts on Rahul Gandhi: उत्तर प्रदेश की 2 हाईप्रोफाइल सीट- अमेठी और रायबरेली चर्चा में है। इसकी 3 वजहें हैं। पहला- राहुल गांधी का अपनी मां सोनिया गांधी की कर्मभूमि रायबरेली सीट से मैदान में उतरना। दूसरी वजह- राहुल गांधी का अमेठी में केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी से न लड़ना। तीसरी और आखिरी वजह- अमेठी सीट पर एक कार्यकर्ता और गांधी परिवार के वफादार केएल (किशोरी लाल शर्मा) को टिकट देना।
फिलहाल, राहुल गांधी पहली बार रायबरेली से चुनाव लड़ रहे हैं। वे अब तक अमेठी में 2004 से 2019 तक सांसद चुने गए थे। 2019 के चुनाव में स्मृति ईरानी ने उन्हें हरा दिया था। राहुल गांधी पिछले बार की तरह 2024 के आम चुनाव में भी केरल की वायनाड सीट से उम्मीदवार हैं, जहां 26 अप्रैल को वोटिंग हो चुकी है।
अब जानिए राहुल गांधी क्यों रायबरेली गए?
1- उत्तर प्रदेश में सपा और कांग्रेस का गठबंधन है। सपा ने कांग्रेस को 17 सीटें दी हैं, जिनमें रायबरेली और अमेठी भी शामिल है। जब सीट शेयरिंग की बात हो रही थी, तब अखिलेश यादव ने शर्त रख दी थी कि राहुल गांधी या प्रियंका गांधी वाड्रा में से कोई न कोई एक यूपी से लोकसभा चुनाव लड़ेगा।
2- राहुल गांधी को अमेठी में 2019 के चुनाव में करीब 55 हजार वोटों से मात मिली थी। इस बार भी जीत के चांस भी आधे ही थे। कांग्रेस नेतृत्व ने इस बार राहुल को अमेठी की जगह रायबरेली से उतारा, इसकी वजह सीट का अधिक सुरक्षित होना है।
3- यदि राहुल गांधी अमेठी से चुनाव लड़ते और जीतते तो उनके लिए वायनाड और अमेठी में से एक को चुनना कठिन होता। वायनाड ने राहुल गांधी को तब स्वीकार किया, जब कांग्रेस की पारंपरिक सीट मानी जाने वाली अमेठी ने उन्हें नकार दिया था।
अगर राहुल गांधी दोनों सीटों जीते तो उनके लिए किसी एक को चुनना आसान होगा। वह वायनाड अपने पास रख सकते हैं और प्रियंका गांधी को उप चुनाव में रायबरेली की कमान सौंप सकते हैं। जबकि अमेठी में यदि उपचुनाव की नौबत आती तो लड़ाई काफी मुश्किल हो जाती।
लोग बोले- वायनाड छोड़ा तो हमारे लिए नुकसान
राहुल गांधी के रायबरेली लोकसभा सीट से भी चुनाव लड़ने के फैसले के बाद केरल के वायनाड में लोगों की ओर से मिली-जुली प्रतिक्रियाएं आईं। जहां कुछ लोगों ने कहा कि उनके लिए रायबरेली से चुनाव लड़ना भी गलत नहीं है, वहीं कुछ ऐसे भी थे जिन्होंने कहा कि यह कदम कांग्रेस के लिए नुकसानदायक है। वायनाड लोकसभा सीट पर 26 अप्रैल को चुनाव हुए थे। इस बार वायनाड में उनका मुकाबला सीपीआई नेता एनी राजा और राज्य बीजेपी अध्यक्ष के. सुरेंद्रन से था।
वायनाड में एक सड़क किनारे की दुकान पर एक व्यक्ति ने कहा कि राहुल गांधी के दो सीटों से चुनाव लड़ने के फैसले में कुछ भी गलत नहीं है। वह INDIA ब्लॉक का नेतृत्व कर रहे हैं। जबकि दूसरे ने कहा कि अगर राहुल गांधी दोनों सीटों से जीतते हैं, तो सबसे अधिक संभावना है कि वह वायनाड सीट खाली कर देंगे। अगर राहुल गांधी ऐसा करता है, तो यह हमारे लिए अच्छा नहीं लगेगा। फिलहाल भी हमें इंतजार करना चाहिए।
क्या पीएम नहीं लड़ते दो सीटों से?
हालांकि, अनुभवी इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग (IUML) नेता पीके कुन्हालीकुट्टी ने कहा कि रायबरेली से चुनाव लड़ने के उनके फैसले में कुछ भी गलत नहीं है। मामले की सच्चाई यह है कि हमने (IUML) कांग्रेस पार्टी के राष्ट्रीय नेतृत्व से अनुरोध किया कि राहुल को वायनाड के अलावा एक और सीट से चुनाव लड़ना चाहिए। क्या पहले पीएम मोदी दो सीटों से चुनाव नहीं लड़ते थे? हमें लगता है कि यह निर्णय INDI ब्लॉक के लिए अच्छा है।