मुर्शिदाबाद हिंसा: राज्यपाल आनंद बोस पीड़ित परिवारों से मिले; फोन नंबर देकर बोले-जरूरत पड़ने पर सीधे करें बात

Murshidabad violence Update
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पश्चिम बंगाल के राज्यपाल सी.वी. आनंद बोस शनिवार (19 अप्रैल) को हिंसा प्रभावित मुर्शिदाबाद पहुंचे। राज्यपाल ने पीड़ितों को अपना फोन नंबर दिया और जरूरत पड़ने पर सीधे बात करने को कहा।

Murshidabad violence Update: पश्चिम बंगाल के राज्यपाल सी.वी. आनंद बोस शनिवार (19 अप्रैल) को हिंसा प्रभावित मुर्शिदाबाद पहुंचे। राज्यपाल ने जान गंवाने वाले लोगों के परिवार से मुलाकात की। आनंद बोस ने पीड़ितों को अपना फोन नंबर दिया और जरूरत पड़ने पर सीधे बात करने को कहा। बोस ने लोगों से प्रभावी कदम उठाने का वादा भी किया है। राष्ट्रीय महिला आयोग (एनसीडब्ल्यू) की अध्यक्ष विजया रहाटकर ने भी मुर्शिदाबाद का दौरा किया।

'प्रभावी कदम उठाए जाएंगे'
राज्यपाल आनंद बोस ने कहा कि पीड़ित सुरक्षा की भावना चाहते हैं। उन्होंने कुछ सुझाव भी दिए हैं। इन सब पर विचार किया जाएगा। मैं उचित कार्रवाई के लिए इसे भारत सरकार और राज्य सरकार के समक्ष उठाऊंगा। मैं इसका अनुसरण करूंगा। मैंने एक बार उनसे कहा था कि वे मुझसे सीधे बात करने के लिए स्वतंत्र महसूस करें। फोन नंबर भी दे दिया है। हम उनके संपर्क में रहेंगे। निश्चित रूप से, बहुत प्रभावी सक्रिय कदम उठाए जाएंगे।

रोते-रोते जमीन पर गिर गई महिला
राष्ट्रीय महिला आयोग (NCW) की टीम ने भी राहत शिविरों का दौरा किया। NCW की टीम मुर्शिदाबाद के धुलियान पहुंची तो रोते-रोते एक महिला जमीन पर बेहाल होकर गिर गई। NCW की अध्यक्ष विजया रहाटकर से मिलते समय एक महिला भावुक होकर उनके गले लग गई। विजया ने मालदा में राहत शिविरों में रह रहे पीड़ितों से भी बातचीत कर उनका दर्द जाना।

'लोगों को घरों निकाला और हत्या कर दी'
NCW की अध्यक्ष विजया रहाटकर ने कहा कि ये सब अमानवीय है। लोगों को तकलीफ हो रही है। अमानवीय कृत्यों और लोगों की मांग को सरकार के सामने रखेंगे। NCW सदस्य अर्चना मजूमदार ने कहा कि किसी महिला ने अपने पति को खाया। किसी ने अपने बेटे को। लोगों को उनके घरों से घसीट कर निकाला और हत्या कर दी गई। यह भयानक है। यह अस्वीकार्य है। सरकार को इसकी जिम्मेदारी लेनी चाहिए।

जानिए कब और क्यों भड़की हिंसा
लोकसभा और राज्यसभा में लंबी बहस के बाद 4 अप्रैल को संसद से वक्फ संशोधन विधेयक पारित (Waqf Act) हुआ। 5 अप्रैल को वक्फ बोर्ड संशोधन बिल को राष्ट्रपति की मंजूरी मिली थी। सरकार ने 8 अप्रैल से अधिनियम के लागू होने की अधिसूचना जारी की। संशोधन कानून के खिलाफ देशभर में विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए।

वाहनों में लगाई आग, पुलिस पर पथराव
ऑल इंडिया पर्सनल लॉ बोर्ड (AIMPLB) ने नए वक्फ कानून के विरोध में 'वक्फ बचाव अभियान' 11 अप्रैल से शुरू किया। शुक्रवार (11 अप्रैल) को जुमे की नमाज के बाद बंगाल में हिंसा भड़क गई। मुर्शिदाबाद, नॉर्थ 24 परगना और मालदा में स्थिति बिगड़ी गई। उपद्रवियों ने तोड़फोड़ की। सरकारी बसों और वाहनों में आग लगाई। पुलिस पर पथराव किया।

पीट-पीटकर तीन की हत्या
हिंसक भीड़ ने हरगोविंद दास (पिता) और चंदन दास (बेटे) सहित तीन लोगों की पीट-पीटकर हत्या कर दी। हालात बेकाबू होने पर पुलिस ने आंसू गैस के गोले दागकर प्रदर्शनकारियों को खदेड़ा। हिंसा में 15 पुलिसकर्मी भी घायल हुए हैं। 150 लोग गिरफ्तार किए गए हैं। मुर्शिदाबाद के धुलियान से करीब 500 लोग पलायन कर गए। ममता सरकार ने दावा किया कि हिंसा प्रभावित मुर्शिदाबाद में स्थिति अब नियंत्रण में हैं।

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