'किसी भी कीमत पर शांति होनी चाहिए': पश्चिम बंगाल के राज्यपाल आनंद बोस मुर्शिदाबाद पहुंचे, राहत शिविर में हिंसा प्रभावितों से मिले

Murshidabad Violence: पश्चिम बंगाल में 'वक्फ संशोधन कानून' के विरोध में हिंसक प्रदर्शन हुआ। सबसे ज्यादा हिंसा मुर्शिदाबाद में हुई। बंगाल के राज्यपाल सीवी आनंद बोस शुक्रवार (18 अप्रैल) को हिंसा प्रभावित क्षेत्र पहुंचे। इस दौरान उन्होंने
राहत शिविर में जाकर हिंसा प्रभावितों से चर्चा की।
राहत शिविर में राज्यपाल के पहुंचते ही अफरा-तफरी मच गई। हिंसा पीड़ितों की मदद करने वाले स्थानीय लोग भी उनसे मिलना चाहते थे, लेकिन पुलिस ने रोक दिया, जिससे विरोध प्रदर्शन करने लगे। राज्यपाल 2 दिन मुर्शिदाबाद और मालदा के हिंसा प्रभावित इलाकों और शरणार्थी शिविरों का दौरा करेंगे। कहा, मैं जमीनी स्थिति का जायजा लूंगा। किसी भी कीमत पर शांति स्थापित होनी चाहिए।
#WATCH पश्चिम बंगाल के राज्यपाल सी.वी. आनंद बोस सियालदह रेलवे स्टेशन पहुंचे। यहां से वे हिंसा प्रभावित मालदा जाएंगे। pic.twitter.com/EdznjqfduU
— ANI_HindiNews (@AHindinews) April 18, 2025
मानवाधिकार की टीम भी करेगी दौरा
राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग की टीम ने मुर्शिदाबाद हिंसा पर संज्ञान लिया है। शुक्रवार को राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग की टीम मालदा स्टेशन पहुंची। राष्ट्रीय महिला आयोग (NCW) की अध्यक्ष विजया रहाटकर मालदा रवाना हो गई हैं। NCW टीम मालदा और मुर्शिदाबाद का दौरा करेगी। हिंसा पीड़ितों से मुलाकात की जाएगी। लोगों से बातचीत के आधार पर रिपोर्ट तैयार की जाएगी, जिसे केंद्र सरकार को सौंपा जाएगा।
#WATCH पश्चिम बंगाल: राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC) की एक टीम मालदा पहुंची। टीम मुर्शिदाबाद और मालदा के हिंसा प्रभावित इलाकों का दौरा करेगी। pic.twitter.com/2gVZvNYyXg
— ANI_HindiNews (@AHindinews) April 18, 2025
राज्यपाल ने नहीं सुनी ममता की अपील
बंगाल की CM ममता बनर्जी ने गुरुवार को राज्यपाल से दौरा स्थगित करने का अनुरोध किया था। ममता ने कहा था कि मैं गैर-स्थानीय लोगों से अनुरोध करूंगी कि वे अभी मुर्शिदाबाद का दौरा न करें। राज्यपाल से कुछ और दिन प्रतीक्षा करने की अपील करूंगी। स्थिति सामान्य हो रही है। मैंने स्वयं प्रभावित इलाकों का फिलहाल दौरा नहीं करने का निर्णय लिया है। ममता की अपील राज्यपाल ने नहीं सुनी और शुक्रवार को हिंसा प्रभावित क्षेत्रों के लिए रवाना हुए।
जानिए कब और क्यों भड़की हिंसा
लोकसभा और राज्यसभा में लंबी बहस के बाद 4 अप्रैल को संसद से वक्फ संशोधन विधेयक पारित (Waqf Act) हुआ। 5 अप्रैल को वक्फ बोर्ड संशोधन बिल को राष्ट्रपति की मंजूरी मिली थी। सरकार ने 8 अप्रैल से अधिनियम के लागू होने की अधिसूचना जारी की। संशोधन कानून के खिलाफ देशभर में विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए।
वाहनों में लगाई आग, पुलिस पर पथराव
ऑल इंडिया पर्सनल लॉ बोर्ड (AIMPLB) ने नए वक्फ कानून के विरोध में 'वक्फ बचाव अभियान' 11 अप्रैल से शुरू किया। शुक्रवार (11 अप्रैल) को जुमे की नमाज के बाद बंगाल में हिंसा भड़क गई। मुर्शिदाबाद, नॉर्थ 24 परगना और मालदा में स्थिति बिगड़ी गई। उपद्रवियों ने तोड़फोड़ की। सरकारी बसों और वाहनों में आग लगाई। पुलिस पर पथराव किया।
पीट-पीटकर तीन की हत्या
हिंसक भीड़ ने हरगोविंद दास (पिता) और चंदन दास (बेटे) सहित तीन लोगों की पीट-पीटकर हत्या कर दी। हालात बेकाबू होने पर पुलिस ने आंसू गैस के गोले दागकर प्रदर्शनकारियों को खदेड़ा। हिंसा में 15 पुलिसकर्मी भी घायल हुए हैं। 150 लोग गिरफ्तार किए गए हैं। मुर्शिदाबाद के धुलियान से करीब 500 लोग पलायन कर गए। ममता सरकार ने दावा किया कि हिंसा प्रभावित मुर्शिदाबाद में स्थिति अब नियंत्रण में हैं।
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