Jammu Kashmir Lok Sabha Election: लोकसभा चुनाव 2024 के नतीजे अप्रत्याशित हैं। उत्तर प्रदेश समेत कई राज्यों में भाजपा की अगुवाले वाले एनडीए गठबंधन को तगड़ा झटका लगा है। झटका तो जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती को भी लगा है। उमर अब्दुल्ला बारामूला में तो महबूबा को अनंतनाग में शिकस्त मिली है। उमर अब्दुल्ला को पटखनी देने वोले निर्दलीय उम्मीदवार शेख अब्दुल रशीद उर्फ इंजीनियर रशीद हैं। शेख टेरर फंडिंग केस में तिहाड़ जेल में बंद हैं। चुनाव आयोग ने औपचारिक रुप से उमर की हार का ऐलान नहीं किया, उससे पहले ही उन्होंने शेख अब्दुल को जीत की बधाई दे दी है।
उमर अब्दुल्ला ने X पोस्ट में लिखा कि मुझे लगता है कि यह अपरिहार्य को स्वीकार करने का समय है। उत्तरी कश्मीर में जीत के लिए इंजीनियर रशीद को बधाई। मुझे नहीं लगता कि उनकी जीत से उन्हें जेल से जल्दी रिहाई मिलेगी और न ही उत्तरी कश्मीर के लोगों को वह प्रतिनिधित्व मिलेगा जिसका उन्हें अधिकार है, लेकिन मतदाताओं ने अपनी बात कह दी है और लोकतंत्र में यही सबसे ज्यादा मायने रखता है।
To my @JKNC_ colleagues @RuhullahMehdi & Mian Altaf Sb my heartfelt congratulations. I’m sorry I won’t be joining them in the Lok Sabha but I’m sure both of them will do an amazing job representing the people of J&K.
— Omar Abdullah (@OmarAbdullah) June 4, 2024
शेख अब्दुल रशीद उर्फ इंजीनियर रशीद कौन हैं?
- अब्दुल रशीद उर्फ इंजीनियर रशीद फिलहाल आतंकी फंडिंग के मामले में दिल्ली की तिहाड़ जेल में बंद है।
- दो बार विधायक रह चुके और आवामी इत्तेहाद पार्टी के प्रमुख राशिद बारामुल्ला से मैदान में उतरे 22 उम्मीदवारों में से एक थे।
- इंजीनियर रशीद को 2019 में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने आतंकी फंडिंग गतिविधियों के आरोप में गिरफ्तार किया था, जो गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम के तहत हिरासत में लिए जाने वाले पहले मुख्यधारा के नेता बन गए। रशीद के चुनाव का पूरा अभियान उनके दो बेटे अबरार रशीद और असरार रशीद ने संभाला था। लोगों ने उन पर विश्वास किया और रैलियों में भारी भीड़ देखी गई।
- इंजीनियर रशीद ने 2008 और 2014 में लंगेट विधानसभा क्षेत्र जीता और 2019 के संसदीय चुनावों में भी असफल रहे। जबकि वह आवामी इत्तेहाद पार्टी का नेतृत्व करते हैं, उन्होंने इन चुनावों में निर्दलीय के रूप में चुनाव लड़ा।
महबूबा मुफ्ती ने भी हार स्वीकार की
पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने भी अनंतनाग-राजौरी लोकसभा सीट से हार स्वीकार की। उन्होंने कहा कि लोगों के फैसले का सम्मान करते हुए मैं अपने पीडीपी कार्यकर्ताओं और नेताओं को सभी बाधाओं के बावजूद उनकी कड़ी मेहनत और समर्थन के लिए धन्यवाद देती हूं। मेरे लिए वोट करने वाले लोगों के प्रति मेरी हार्दिक कृतज्ञता। हार-जीत खेल का हिस्सा है। इससे मेरे हौसले कम नहीं हुए हैं। चुनाव आयोग के नवीनतम आंकड़ों के अनुसार, नेशनल कॉन्फ्रेंस के गुज्जर नेता मियां अल्ताफ इस सीट से 2.29 लाख से अधिक वोटों से आगे चल रहे हैं।