Lok Sabha Speaker: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को मंत्रियों के विभागों का बंटवारा कर दिया। इसके बाद सभी मंत्रियों ने अपने ऑफिस जाकर मंगलवार को चार्ज ले लिया है। अब लोकसभा के गठन की तैयारियां शुरू हो चुकी हैं। 18 जून से 18वीं लोकसभा का पहला सत्र शुरू हो सकता है। इसके बाद प्रोटेम स्पीकर बनाया जाएगा। प्रोटेम स्पीकर सभी सांसदों को शपथग्रहण कराएंगे। माना जा रहा है कि सांसदों के शपथग्रहण के बाद स्पीकर के लिए चुनाव होगा।
बिरला के लिए बड़ी भूमिका वाले रास्ते अभी भी खुले
पीएम मोदी के नए मंत्रिमंडल में पिछले कार्यकाल में लोकसभा अध्यक्ष रहे ओम बिरला को जगह नहीं दी गई है। माना जा रहा था कि स्पीकर का कार्यकाल पूरा करने के बाद बिरला को कैबिनेट में जगह मिलेगी, लेकिन ऐसा नहीं होने से अब उनके भविष्य को लेकर कई तरह के कयास लगाए जाने लगे हैं। सूत्रों के मुताबिक बिरला के लिए बड़ी भूमिका वाले रास्ते अभी भी खुले हुए हैं।
बिड़ला स्पीकर बने तो रिकॉर्ड की बराबरी करेंगे
मोदी मंत्रिमंडल के गठन के बाद अब यह संभावना बनी है कि ओम बिड़ला एक बार फिर लोकसभा अध्यक्ष बनेंगे। बिड़ला मोदी और शाह के नजदीकी माने जाते हैं और स्पीकर के संवैधानिक पद पर रहते हुए उन्होंने कई ऐसे फैसले लिए जो अपने आप में रिकॉर्ड हैं। अपनी कार्यशैली के कारण भाजपा सहित विरोधी दलों में भी उनकी अच्छी पैठ है।
हालांकि, भाजपा का पूर्ण बहुमत में न आना ही उनके अध्यक्ष बनने में रोड़ा भी साबित हो सकता है, क्योंकि सहयोगी दल स्पीकर पद की मांग कर रहे हैं।
संभावना-1: एक नया रिकॉर्ड बना सकते हैं बिड़ला
बिड़ला यदि दूसरी बार फिर लोकसभा अध्यक्ष बनाए जाते हैं और वे इस पद पर अपना दूसरा कार्यकाल भी पूरा कर लेते हैं, तो उनके नाम एक रिकॉर्ड और दर्ज हो सकता है। साढ़े तीन दशक पहले लगातार दो बार चुने जाने और कार्यकाल पूरा करने वाले बलराम जाखड़ एकमात्र लोकसभा अध्यक्ष रहे हैं। बलराम जाखड़ ने साल 1980 से 1985 और 1985 से 1989 तक अपने दोनों कार्यकाल पूरे किए।
संभावना-2: BJP का राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाया जा सकता है
गठबंधन की मजबूरियों के कारण यदि लोकसभा अध्यक्ष का पद सहयोगी दलों के पास जाता है तो इस स्थिति में ओम बिड़ला का नाम राष्ट्रीय अध्यक्ष के लिए भी दौड़ में है। इस पद के लिए राजस्थान से ही भूपेंद्र यादव का नाम भी चला था, लेकिन उन्हें मंत्रिमंडल में जगह दे दी गई है। अब माना जा रहा है कि यदि बिड़ला लोकसभा अध्यक्ष नहीं बन सके, तो मोदी-शाह के नजदीकी होने के कारण उन्हें BJP का राष्ट्रीय अध्यक्ष पद दिया जा सकता है।
संभावना-3: प्रदेश अध्यक्ष भी बन सकते है
राजस्थान में प्रदेश अध्यक्ष पद पर नए नाम को लेकर भी चर्चा तेज है। जब पिछले साल विधानसभा चुनाव जीतने के बाद बीजेपी ने भजनलाल शर्मा का नाम मुख्यमंत्री पद के लिए घोषित किया था, तभी से प्रदेश अध्यक्ष बदलने की चर्चाएं शुरू हो गई थीं। कारण केवल एक ही है कि CM और प्रदेश अध्यक्ष दोनों ही ब्राह्मण हैं। वर्तमान प्रदेश अध्यक्ष सीपी जोशी को इस पद पर एक वर्ष होने वाला है और वे दूसरी बार चित्तौड़गढ़ से सांसद बने हैं।