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In-flight WiFi: नए अधिसूचित नियम को फ्लाइट एंड मैरीटाइम कनेक्टिविटी (एमेंडमेंट) रूल, 2024 नाम दिया गया है। इसके मुताबिक, उड़ान के दौरान यात्री सिर्फ अनुमति मिलने पर ही वाई-फाई का यूज कर सकते हैं।

In-flight WiFi: अब आप हवाई यात्रा के दौरान भी हजारों फीट की ऊंचाई पर मोबाइल और इंटरनेट इस्तेमाल कर पाएंगे। केंद्र सरकार ने सोमवार को इसके लिए जरूरी नियमों में बदलाव किया। सरकार ने स्पष्ट किया है कि भारतीय उड़ानों में यात्री सिर्फ तभी Wi-Fi इंटरनेट सर्विस का इस्तेमाल कर सकेंगे, जब फ्लाइट में इलेक्ट्रॉनिक गैजेट यूज करने की परमिशन मिलेगी और फ्लाइट 3000 मीटर की ऊंचाई पर पहुंच जाए। यह जानकारी नए अधिसूचित फ्लाइट एंड मैरीटाइम कनेक्टिविटी (संशोधन) नियम, 2024 में दी गई है।

फ्लाइट में WiFi सर्विस यूज करने की ये शर्त
पिछले फ्लाइट एंड मैरीटाइम कनेक्टिविटी नियम, 2018 में प्रावधान था कि किसी फ्लाइट में मोबाइल कम्युनिकेशन सर्विस केवल तब इस्तेमाल की जा सकती हैं, जब विमान कम से कम 3,000 मीटर की ऊंचाई पर पहुंच जाए, ताकि जमीनी मोबाइल नेटवर्क के साथ हस्तक्षेप न हो। नए नियम के मुताबिक, जब तक इलेक्ट्रॉनिक गैजेट यूज करने की अनुमति मिलती है, तब तक Wi-Fi इंटरनेट सेवाएं दी जा सकती हैं।

यात्रियों को फ्लाइट में Wi-Fi सर्विस मिलेगी 

  • नए नियम के अनुसार, "भारतीय हवाई क्षेत्र में उल्लेखित न्यूनतम ऊंचाई के बावजूद विमान में Wi-Fi के जरिए इंटरनेट सर्विस तभी उपलब्ध कराई जाएंगी, जब इलेक्ट्रॉनिक गैजेट का यूज किए जाने की अनुमति हो।"
  •  यह स्पष्टीकरण सुनिश्चित करता है कि यात्रियों को उड़ान के दौरान Wi-Fi सर्विस के इस्तेमाल की अनुमति मिलेगी, लेकिन केवल तब जब फ्लाइट क्रू मेंबर्स की ओर से स्मार्टफोन, टैबलेट और लैपटॉप जैसे गैजेट का उपयोग करने की अनुमति दी गई हो। 

टेकऑफ-लैंडिंग के वक्त गैजेट यूज पर प्रतिबंध
यह व्यवस्था मौजूदा सिक्योरिटी प्रोटोकॉल के हिसाब है, जो उड़ान के अहम चरणों जैसे- टेकऑफ और लैंडिंग के दौरान गैजेट के इस्तेमाल को प्रतिबंधित करता है। फ्लाइट और मैरीटाइम कनेक्टिविटी (संशोधन) नियम, 2024 के तहत सेवा प्रोवाइडर्स को यह सुनिश्चित करना होगा कि मोबाइल संचार सेवाएं केवल तब संचालित हों जब विमान जरूरी ऊंचाई पर पहुंच जाए, जैसा कि 2018 के नियमों के आधार पर तय किया गया था।

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