World Population Day 2024: विश्व भर में गुरुवार 11 जुलाई को जनसंख्या दिवस मनाया जा रहा है। आबादी नियंत्रण के लिए हर साल जन जागरूकता कार्यक्रम होते हैं, लेकिन परिणाम उतने प्रभावशाली नहीं हैं। आबादी के मामले में चीन को पछाड़कर भारत दुनिया का सबसे बड़ा वकफोर्स बनने को तैयार है। कुछ देश ऐसे भी हैं, जहां की आबादी बहुत कम है। जूना अखाड़े के पीठाधीश्वर आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी अवधेशानन्द गिरि महाराज ने भारत की बढ़ती आबादी और सीमित होते संसाधनों पर चिंता जताई है। जन संख्या नियंत्रण दिवस पर उन्होंने देशवासियों को महत्वपूर्ण संदेश भी दिया है।
लैंगिक समानता और परिवार नियोजन
विश्व जनसंख्या दिवस मनाए जाने का उद्देश्य भी यही है कि सरकार और संगठनों के द्वारा लोगों को जनसंख्या नियंत्रण को लेकर जागरूक करना। लैंगिक समानता और परिवार नियोजन की जानकारी देते हुए जागरूकता अभियान समय समय पर भारत सहित अन्य देशों में चलाए जाते हैं।
1989 में दिवस मनाने की शुरुआत
यूनाइटेड नेशंस (United Nations) में वर्ष 1989 में इस दिवस को मनाए जाने की शुरुआत हुई। इस देश की वैश्विक जनसंख्या उस दौरान जब 5 बिलियन के ऊपर हुई तो लोगों को जागरूक करते हुए इस दिन को 'डे ऑफ फाइव बिलियन' के रूप में मनाया गया। जिसका उद्देश्य यह रहा कि देश की वैश्विक जनसंख्या पर नियंत्रण किया जा सके।
भारत अब चीन के समांतर
जनसंख्या नियंत्रण के साथ शिक्षा, रोजगार, समानता और सशक्तिकरण को लेकर भी जागरूकता अभियान चलाए गए। वर्तमान समय में भारत की जनसंख्या कथित तौर पर 143 करोड़ के लगभग है, जिसे चीन देश के समांतर या उससे अधिक माना जा रहा हे। भारत में जनसंख्या नियंत्रण को लेकर सरकार द्वारा कानून लागू करने की भी चर्चा है, हालांकि सरकार द्वारा समय समय पर जागरूकता अभियान चलाते हुए आम लोगों तक अपना संदेश पहुंचा रही है।
स्वामी अवधेशानन्द बोले-धरती पर सीमित दिखने लगे साधन
- विश्व जनसंख्या दिवस पर देशवासियों को संदेश देते हुए आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी अवधेशानन्द गिरि महाराज ने कहा, अति उत्खनन दोहन के कारण अब धरती पर साधन सीमित दिखने लगे हैं। अनियंत्रित जनसंख्या का रूप बड़ा ही विस्फोटक जैसा है।
- स्वामी अवधेशानन्द गिरि महाराज ने कहा, बढ़ती हुई जनसंख्या को कम करने के लिए तत्काल सक्रिय प्रयास होने चाहिए। अन्यथा भावी पीढ़ियों के लिए शिक्षा, स्वास्थ्य सहित अन्य आवश्यक सुविधाओं में भारी अभाव पैदा हो सकते हैं।
- अवधेशानन्द गिरि ने बताया, प्राकृतिक संसाधनों का नियंत्रित दोहन तथा उनकी उपलब्धता के साथ-साथ आने वाली पीढ़ियों को अच्छा वातावरण देने के लिए जनसंख्या नियंत्रण आवश्यक है। “विश्व जनसंख्या नियंत्रण दिवस" पर अत्यधिक तेज गति से बढ़ती जनसंख्या के प्रति जागरूकता अत्यन्त आवश्यक है।