World Tiger Day 2024::आज विश्व बाघ दिवस ( International Tiger Day 2024) है। इस मौके पर हम आपके लिए आज लेकर आए हैं बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व की एक अद्भुत और दिलचस्प कहानी। यह दो बाघिनों - लंगड़ी और कनकटी के बीच के संघर्ष और बदले की कहानी है। इसमें पता चलता है कि बाघ अपने इलाके पर कब्जा बनाए रखने के लिए किस हद तक जा सकते हैं। कैसे एक बाघिन के बच्चे ने तीन साल बाद अपने मां की हत्या करने वाली दूसरी बाघिन के पूरे परिवार को मौत के घाट उतार दिए। आइए, शुरू करते हैं जंगल के दो बाघिनों के जंग की कहानी।
बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में एक थी लंगड़ी बाघिन (International Tiger Day 2024)
बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व (Bandhavgarh Tiger Reserve) के चक्रधारा क्षेत्र में 2011 में एक लंगड़ी बाघिन रहती थी। उसके दो शावक थे। वह हल्का लंगड़ा कर चलती थी। इसी वजह से यह बाघिन 'लंगड़ी' कहलाती थी। यह क्षेत्र रिजर्व का सबसे आकर्षक हिस्सा था, जहां पर्यटक बाघों को देखने आते थे। लंगड़ी बाघिन के आने के बाद इस क्षेत्र में शांति बनी रही, लेकिन तभी जंगल में हुई कनकटी बाघिन की एंट्री और शुरू हुई दो बाघिनों के बीच खूनी संघर्ष की कहानी।
कनकटी बाघिन का आगमन और संघर्ष
कनकटी बाघिन ने चक्रधारा क्षेत्र में रहने की कोशिश शुरू कर दी। यह बात लंगड़ी को बिल्कुल मंजूर नहीं था। लंगड़ी बाघिन किसी भी कीमत पर कनकटी को अपने इलाके में टिकने नहीं देना चाहती थी। इलाके के वर्चस्व को लेकर लंगड़ी बाघिन और कनकटी बाघिन में जोरदार लड़ाई हुई। लंगड़ी ने अपनी ताकत और रण कौशल का प्रदर्शन करते हुए कनकटी को भागने पर मजबूर कर दिया। इस संघर्ष में लंगड़ी ने अपने इलाके पर अपनी बादशाहत कायम रखी और कनकटी को हार का सामना करना पड़ा।
लंगड़ी बाघिन के बेटे ने लिया मां की मौत का बदला
समय बीतता रहा,जंगल की कहानी में एक नया मोड़ आया। अगस्त 2014 में एक बाघ ने कनकटी के इलाके में दस्तक दी। यह कोई और नहीं बल्कि लंगड़ी बाघिन का एक शावक, था जो अब एक वयस्क बाघ बन चुका था। लंगड़ी के बेटे के चक्रधारा क्षेत्र में लौटते ही संघर्ष की एक नई कहानी शुरू हुई। लंगड़ी के शावक ने कनकटी के तीन बच्चों को मार डाला। कुछ महीनों बाद, कनकटी ने फिर से तीन शावकों को जन्म दिया।
फर्जी मेटिंग कॉल और कनकटी का दुखद अंत
कनकटी ने अपने बच्चों की सुरक्षा के लिए एक नकली मेटिंग कॉल दी, जिससे वह वयस्क बाघ उसकी ओर आकर्षित हो गया। लेकिन जब बाघ ने कनकटी को करीब से देखा, तो उसे फर्जी कॉल का पता चल गया। गुस्से में बाघ ने वहां मौजूद सभी शावकों पर हमला किया और उन्हें मार डाला। उसने कनकटी बाघिन पर भी हमला किया और अपने तेज पंजों से उसकी जान ले ली।
वर्ल्ड लाइफ इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया ने क्या कहा
वर्ल्ड लाइफ इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया के शोधकर्ताओं के अनुसार, कनकटी ने अपने बच्चों की मौत का बदला लेने के लिए फर्जी मेटिंग कॉल दी थी। इस प्रकार, लंगड़ी बाघिन के बच्चे ने तीन साल बाद अपनी मां की मौत का बदला लेकर कनकटी के पूरे परिवार को समाप्त कर दिया। आज भी दुनिया में जब बाघों की लड़ाई की बात होती है तो बांधवगढ़ फॉरेस्ट की लंगड़ी और कनकटी बाघिनों की जंग की दास्तान का प्रमुखता से जिक्र किया जाता है।