काला हिरण मामला: बिश्नोई समाज के 29 नियम, जानें दोनों में क्या है संबंध

काला हिरण शिकार मामले में आज सलमान सहित 5 सितारों को लेकर 20 साल बाद फैसला आने वाला है। ये मामला सितंबर 1998 का है। जानकारी के अनुसार, सलमान के काले हिरण शिकार केस को इतना आगे बढ़ाने के पीछे बिश्नोई समाज है, जो कि उन्हें सजा दिलाने की कोशिश कर रहा है।
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कौन हैं बिश्नोई
बिश्नोई प्रजाति जोधपुर के पास पश्चिमी थार रेगिस्तान से आती है। जिन्हें प्रकृति के प्रति प्रेम के लिए जाना जाता है। इस समाज के लोग जानवरों को भगवान समझते हैं और इसके लिए ये लोग अपनी जान तक देने को तैयार रहते हैं।
बिश्नोई बीस (20) और नोई (9) से मिलकर बना है। इस समाज के लोग 29 नियमों का पालन करते हैं, जिनमें से एक नियम शाकाहारी रहना और हरे पेड़ नहीं काटना भी शामिल है। आज हम आपको बताने जा रहे हैं बिश्नोई समाज के 29 नियम क्या है, जिसका पालन करने के लिए वो अपनी जान तक पर खेल जाते हैं।
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बिश्नोई समाज के 29 नियम
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प्रतिदिन प्रात:काल स्नान करना।
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30 दिन जनन – सूतक मानना।
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5 दिन रजस्वता स्री को गृह कार्यों से मुक्त रखना।
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शील का पालन करना।
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संतोष का धारण करना।
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बाहरी एवं आन्तरिक शुद्धता एवं पवित्रता को बनाये रखना।
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तीन समय संध्या उपासना करना।
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संध्या के समय आरती करना एवं ईश्वर के गुणों के बारे में चिंतन करना।
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निष्ठा एवं प्रेमपूर्वक हवन करना।
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पानी, ईंधन व दूध को छान-बीन कर प्रयोग में लेना।
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वाणी का संयम करना।
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दया एवं क्षमाको धारण करना।
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चोरी, 14. निंदा, 15. झूठ तथा 16. वाद – विवाद का त्याग करना।
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अमावश्या के दिनव्रत करना।
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विष्णु का भजन करना।
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जीवों के प्रति दया का भाव रखना।
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हरा वृक्ष नहीं कटवाना।
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काम, क्रोध, मोह एवं लोभ का नाश करना।
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रसोई अपने हाध से बनाना।
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परोपकारी पशुओं की रक्षा करना।
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अमल नहीं खाना
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तम्बाकू नहीं खाना
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भांग नहीं खाना
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मद्य तथा नहीं खाना
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नील का त्याग करना।
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बैल को बधिया नहीं करवाना।
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