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Opinion: देश आजादी का अमृत महोत्सव मना रहा है। विजयी विश्व तिरंगा प्यारा के जयघोष से देश झंकृत और चमत्कृत है। स्वाभिमान से देश का माथा दमक रहा है। अटक से कटक और कश्मीर से कन्याकुमारी तक हर घर तिरंगा की ऊंची शान से आसमान गुंजायमान है। पर्वत, पठार नदियां, झरने सबसे आजादी के तराने प्रस्फुटित हो रहे हैं। पक्षियों का कलरव, भंवरों का गुंजन और मलयगिरी से उठती सुगंधियां भारत की समृद्धि-समरसता और एकता-अखंडता के भाव को लयबद्ध कर रही हैं।

आजादी तक का सफर त्याग व बलिदान
सड़कों, संस्थानों व प्रतिष्ठानों से उठती इंकलाब की गूंजें और वंदेमातरम के मधुर स्वर उन परवानों की याद दिला रहे हैं जिन्होंने अपना सर्वस्व न्यौछावर कर दिया। अधीनता से आजादी तक का सफर त्याग व बलिदान का है। पतन से उत्थान तक का है। समर्पण व संकल्प का यह उच्चतम भाव और अनवरत 75 वर्षों की साधना से ही आज भारत उपलब्धियों के आसमान पर है। इस उपलब्धि को हासिल करने के लिए देश को कई बदलावों से गुजरना पड़ा है। नतीजा आज देश संपूर्ण दुनिया को अपनी सामाजिक-आर्थिक व सांस्कृतिक उपलब्धियों की विराटता का बोध करा रहा है। आज भारत दुनिया का सबसे सफल लोकतांत्रिक देश बन चुका है जिसकी सराहना दुनिया भर में होती है। आज भारत में सत्ता प्राप्ति के लिए खुलकर प्रतियोगिता होती है और साथ ही लोगों को चुनाव में वोट के द्वारा अयोग्य प्रतिनिधियों को हटाने का मौका भी देता है।

भारतीय लोकतंत्र की खूबसूरती है कि राजनीतिक दल सभाओं, भाषणों, समाचारपत्रों, पत्रिकाओं तथा अन्य संचार माध्यमों से जनता को अपनी नीतियों और सिद्धांतों से अवगत कराते हैं। भारत ने धर्म या भाषा पर आधारित सभी अल्पसंख्यक वर्गों को अपनी इच्छानुसार शिक्षण संस्थाएं स्थापित करने तथा धन का प्रबंध करने का अधिकार दिया है। इसी तरह भारतीय नागरिकों को सूचना प्राप्त करने का अधिकार हासिल है। इस व्यवस्था ने भारतीय नागरिकों को शासन-प्रशासन से सीधे सवाल-जवाब करने की नई लोकतांत्रिक धारणा को जन्म दिया है। इस व्यवस्था से सरकारी कामकाज में सुशासन, पारदर्शिता और उत्तरदायित्व बढ़ा है जिससे आर्थिक विकास को तीव्र करने, लोकतंत्र की गुणवत्ता बढ़ाने और भ्रष्टाचार को नियंत्रित करने में मदद मिल रही है। सूचना के अधिकार से सत्ता की निरंकुशता पर अंकुश लगा है।

प्रति व्यक्ति आय भी 90 हजार रुपये से पार
वह दिन दूर नहीं जब भारत 2040 तक दुनिया की तीसरी बड़ी अर्थव्यवस्था का तमगा हासिल कर लेगा। आज भारत की अर्थव्यवस्था 3 ट्रिलियन डॉलर के पार पहुंच चुकी है। प्रति व्यक्ति आय भी 90 हजार रुपये से पार है। यह भारत की समृद्धि, ताकत और तरक्की की पहचान है। सच कहें तो आज भारत हर रोज तरक्की की नई इबारत लिख रहा है। कभी भारत अपने उपग्रह को स्थापित करने के लिए अमेरिका और रुस की मदद लेता था लेकिन आज भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन- इसरो हर रोज नया कीर्तिमान रच रहा है। सामाजिक सुरक्षा को मजबूत करने के लिए देश में पोषण सुरक्षा की देखभाल राष्ट्रीय तैयार मध्यान्ह भोजन कार्यक्रम, समन्वित बाल विकास योजना, किशोरी शक्ति योजना, किशोर लड़कियों के लिए पोषण कार्यक्रम और प्रधानमंत्री ग्रामोदय योजना चलाई जा रही है।

भारत ने श्रम आंदोलन के तहत सामाजिक सुरक्षा को मजबूती देने के लिए राष्ट्रीय रोजगार गारंटी कार्यक्रम योजना को लागू किया है। असंगठित क्षेत्र को सामाजिक सुरक्षा से लैस करने के लिए राष्ट्रीय उद्यम आयोग की स्थापना एक पारदर्शी निकाय के रूप में की गई है। दूसरी ओर देश तेजी से डिजिटल भारत बन रहा है। देश की आजादी के उपरांत भारत का उद्देश्य एक शक्तिशाली, स्वतंत्र और जनतांत्रिक भारत का निर्माण करना था। ऐसा भारत जिसमें सभी नागरिकों को विकास और सेवा का समान अवसर मिले। ऐसा भारत जिसमें जातिवाद, क्षेत्रवाद, भाषावाद, आतंकवाद, नक्सलवाद, छुआछूत, हठधर्मिता और मनुष्य द्वारा मनुष्य के शोषण के लिए स्थान न हो। भारत इस लक्ष्य को तेजी से हासिल कर रहा है। अर्थव्यवस्था के मोर्चे पर भारत हर रोज नया कीर्तिमान गढ़ रहा है।

पांच ट्रिलियन इकोनॉमी की दिशा में तेजी से कदम
कृषि, उद्योग-धंधे और कल-कारखानों के विस्तार से भारत पांच ट्रिलियन इकोनॉमी की दिशा में तेजी से कदम बढ़ा रहा है। कृषि में नए-नए अनुसंधानों से किसानों की आमदनी बढ़ रही है और नुकसान का जोखिम कम हो रहा है। हर खेत को पानी, कानूनी सुधार में भूमि पट्टेदारी कानून, ठेके पर खेती, मार्केट सुधार और आवश्यक वस्तु अधिनियम में बदलाव की संभावना मूर्त रूप ले रही है। देश के समक्ष आतंकवाद, नक्सलवाद, अलगाववाद, छद्म युद्ध, विद्रोह, विध्वंस, जासूसी गतिविधियों, साइबर क्राइम, मुद्रा-जालसाजी, कालाधन और हवाला जैसी गंभीर चुनौतियां भी हैं जिसका भारत सफलता से मुकाबला कर रहा है। इससे दुनिया भर में भारत की साख बढ़ रही है।
अरविंद जयतिलक: (लेखक वरिष्ठ पत्रकार हैं. वे उनके अपने विचार हैं)