बहुत चमत्कारी है सरस्वती यंत्र, जान लें स्थापित करने की सही दिशा और इससे होने वाले फायदे

(रुचि राजपूत)
Saraswati Yantra in Right Direction: बसंत पंचमी का पर्व हर वर्ष माघ माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को मनाया जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इस दिन भगवान ब्रह्मा के मुख से देवी सरस्वती प्रकट हुईं थीं। देवी सरस्वती को बुद्धि, विद्या, ज्ञान संगीत और कला की देवी के रूप में पूजा जाता है। इस दिन सरस्वती यंत्र की स्थापना करना भी बहुत शुभ और लाभकारी माना जाता है। सरस्वती यंत्र को सही दिशा में रखने और उससे होने वाले फायदे के बारे में बता रहे हैं हरदा के रहने वाले पंडित एवं ज्योतिषी धर्मेंद्र दुबे।
किस दिशा में करें स्थापना
वास्तु शास्त्र के अनुसार अगर आप अपने घर में बसंत पंचमी के दिन सरस्वती यंत्र की स्थापना करना चाहते हैं तो इसे उत्तर पूर्व दिशा में स्थापित करें। ध्यान रखें सरस्वती यंत्र की नोंक पूर्व दिशा में हो। ऐसा करने से न सिर्फ ग्रह दोष खत्म होता है, बल्कि करियर, नौकरी और व्यापार में भी तरक्की के रास्ते खुलते हैं।
इस विधि से करें पूजा
सरस्वती यंत्र की पूजा करने के लिए ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान आदि से निवृत हो जाएं।
गंगाजल और दूध से इस यंत्र को स्नान कराएं।
इस यंत्र के समक्ष धूप दीप प्रज्वलित करें।
108 बार गायत्री मंत्र का जाप करते हुए सरस्वती यंत्र की स्थापना उत्तर पूर्व दिशा में करें।
स्थापित हुए सरस्वती यंत्र की नियमित रूप से दोनों समय पूजा करें।
सरस्वती यंत्र से होने वाले फायदे
घर में सरस्वती यंत्र की स्थापना करने से पढ़ाई में एकाग्रता बढ़ती है और करियर में सफलता प्राप्त होती है।
इस यंत्र को स्थापित करने से जीवन में आ रही अनेक तरह की समस्याओं से भी छुटकारा मिलता है।
सरस्वती यंत्र के सही दिशा में स्थापित होने से बौद्धिक और रचनात्मक विकास होता है।
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