Chaitra Navratri 2025: चैत्र नवरात्रि सनातन संस्कृति से ही माता भगवती की पूजा आराधना करने के लिए उपयुक्त समय माना गया है। नवरात्र का पर्व हिंदू धर्म में विशेष महत्व रखता है। लोगों की आस्था इस पर्व से गहरी रूप से जुड़ी होती है। साधक आमजन सभी लोग इस समय का बेसब्री से इंतजार करते हैं। मां शारदा ज्योतिष पीठ के ज्योतिषाचार्य डॉक्टर मनीष गौतम जी ने बताया कि जो माता के भक्त होते हैं विशेष कर उनके लिए यह नवरात्र विशेष कहलाती है।
व्रत करने की है परंपरा
अब तो साइंस भी इस बात को मानती है की व्रत करने से बॉडी डिटॉक्स हो जाती है पुराने जमाने से ही सनातन संस्कृति में यह परंपरा रही है कि ऋतु परिवर्तन के इस मौसम में लोग फलहार के साथ व्रत करते हैं जिससे वह माता से अपने आप को एवं अपने आस्था को व्रत के माध्यम से प्रकट करते हैं आमजन 9 दिन व्रत रख माता भगवती की पूजा अर्चना बहुत श्रद्धा है एवं विश्वास के साथ करते हैं।
देवी मंदिरों में होती है भक्तों की भीड़
देश में जितने भी माता भगवती के मंदिर हैं। इन नौ दिनों में भक्त भारी संख्या में वहां पहुंचते हैं और दर्शन करते हैं। कई मंदिरों में कई मान्यताएं प्रचलित हैं, लोग माता के मंदिर में दर्शन पूजा पाठ एवं उनकी पूजा आराधना करते हैं और उनकी मान्यता होती है की माता उनके दुःखो को दूर करती है।
कन्या पूजन का है विधान
सनातन संस्कृति में हमेशा ही स्त्रियों को उच्च वरीयता एवं सम्मान प्राप्त है। जिसका जीता जागरण उदाहरण नवरात्र में हमें देखने को मिलता है। भक्तगण श्रद्धा विश्वास एवं सम्मान पूर्वक कन्याओं को अपने घर पर बुलाते हैं एवं विधि विधान के साथ उनकी पूजा आराधना करते हैं एवं उनका उनका मनपसंद भोजन भी करते हैं। उसके बाद उपहार देकर उनका सम्मान पूर्वक विदा करते हैं कन्याओं को माता का स्वरूप मानकर पूजा अर्चना बहुत ही श्रद्धा एवं विश्वास के साथ भक्तगण करते हैं।