Emerald Benefits and Effects: वैदिक ज्योतिष शास्त्र में बुध ग्रह को गणित, चतुरता, व्यापार, कारोबार, करियर, संवाद, तर्क, बुद्धि और मित्र के कारक ग्रह माने गए हैं। साथ ही, बुध ग्रह मिथुन और कन्या राशि के स्वामी ग्रह हैं। वैदिक ज्योतिष शास्त्र में कई शास्त्रों के बारे में वर्णन किया गया है। उसी में एक है रत्न शास्त्र। रत्न शास्त्र के माध्यम से किसी भी ग्रह की स्थिति को मजबूत किया जा सकता है।
रत्न ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, कुंडली में बुध ग्रह को मजबूत करने के लिए पन्ना रत्न धारण करने की सलाह दी जाती है। मान्यता है कि पन्ना रत्न धारण करने से कुंडली में बुद्ध की स्थिति मजबूत हो जाती है। साथ ही करियर और कारोबार में गजब की सफलता मिलती है। तो आज इस खबर में जानेंगे कि किन-किन राशियों को पन्ना रत्न धारण करना चाहिए। साथ ही, पन्ना धारण करने की सही विधि क्या है।
पन्ना धारण करने के लाभ
रत्न ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, पन्ना रत्न धारण करने से अवाज में मधुरता आती है। करियर और कारोबार में लाभ ही लाभ के योग बनते हैं। जिस जातक की आर्थिक स्थिति कमजोर है या किसी परेशानी में फंसे हैं, उन्हें पन्ना जरूर धारण करना चाहिए। इस रत्न को धारण करने से त्वचा संबंधित रोगों से मुक्ति मिल जाती है। व्यक्ति के व्यक्तित्व में निखार लाता है। रत्न शास्त्र के अनुसार, जो लोग मीडिया, संगीत, गणित और फिल्म लाइन से जुड़े हैं, उन्हें पन्ना जरूर धारण करना चाहिए।
किन-किन राशियों को पहनना चाहिए पन्ना
वैदिक ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, पन्ना रत्न बेहद ही शुभ रत्न माना गया है। ज्योतिषियों के अनुसार, जिन जातकों की राशि मिथुन और कन्या है, उन लोगों को पन्ना जरूर धारण करना चाहिए। धारण करने से पहले किसी पंडित या ज्योतिष से जरूर संपर्क कर लें।
यदि कुंडली में बुध शुभ स्थित में है, तो जातक को पन्ना अवश्य धारण करना चाहिए। जिन जातकों की कुडंली के पंचम, लग्न और नवम भाव में मिथुन या कन्या राशि है, तो वे जातक भी पन्ना रत्न धारण कर सकते हैं। ज्योतिषियों का मानना है कि पन्ना के साथ कभी भी मूंगा धारण नहीं करना चाहिए। यदि आप पन्ना के साथ कोई रत्न धारण करना चाहते हैं तो ओपल या हीरा धारण कर सकते हैं। यह बेहद ही लाभकारी सिद्ध हो सकता है।
पन्ना धारण करने का नियम
रत्न शास्त्र के अनुसार, पन्ना को बुधवार के दिन धारण करना चाहिए। इसके साथ ही पन्ना को सोने की धातु में जड़वाकर धारण किया जा सकता है। पन्ना कभी भी हाथ की सबसे छोटी उंगली में धारण करना चाहिए। पन्ना को धारण करने से पहले अंगूठी को गाय के कच्चे दूध और गंगाजल से शुद्धिकरण करें, इसके उपरांत ही उसे धारण करें। यदि आप इन नियमों के साथ पन्ना धारण करते हैं, तो यह बेहद ही फायदेमंद वाला साबित हो सकता है।
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डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं पर आधारित है। Hari Bhoomi इसकी पुष्टि नहीं करता है।