Sawan Pradosh Vrat: (आकांक्षा तिवारी) सावन का महीना शुरू हो चुका है और इस महीने का हिन्दू धर्म में विशेष महत्व है। यह पूरा महीना भगवान शिव की पूजा के लिए बहुत शुभ माना जाता है। लेकिन भगवान की पूजा के लिए प्रदोष व्रत का विशेष महत्व है, सावन में पड़ने वाला प्रदोष व्रत का महत्व बहुत ही अधिक होता है। इस व्रत को करने से भगवान शिव की कृपा हमेशा बनी रहती है।  

प्रदोष व्रत हर माह के कृष्ण और शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि पर रखा जाता है। पंचांग के अनुसार सावन माह का प्रदोष व्रत गुरुवार 01 अगस्त 2024 को है। गुरुवार के दिन होने से इसे गुरु प्रदोष व्रत कहा गया है। इस प्रदोष व्रत पर भगवान शिव के साथ गुरू ग्रह की पूजा करने से सारे बिगड़े काम बन जाते हैं। धार्मिक मान्यता के अनुसार, इस व्रत को करने से उन लोगों के विवाह की संभावनाएं बढ़ जाती हैं जिनके विवाह में बाधाएं आ रही हों। इसके अलावा जीवन में धन-संपन्नता बनी रहती है। 

शुभ मुहूर्त 
प्रदोष व्रत तिथि का आरंभ गुरुवार यानी 01 अगस्त 2024 की दोपहर 03 बजकर 28 मिनट पर होगा। जबकि इसका समापन शुक्रवार 02 अगस्त 2024 की दोपहर 03 बजकर 26 मिनट पर होगा। 

पूजा विधि

  • इस दिनब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान करें और व्रत का संकल्प लें। 
  • पूजा के लिए भगवान शिव और माता पार्वती की प्रतिमा को लकड़ी की चौकी पर स्थापना करें। 
  • प्रतिमा पर गंगाजल से आभिषेक करें और घी का दीपक जलाएं। 
  • माता पार्वती को चंदन व कुमकुम का तिलक लगाएं और लाल वस्त्र अर्पित करें। 
  • फिर अंत में व्रत कथा पढ़कर आरती करें।