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Govardhan Puja 2024: आज 2 नवंबर 2024 शनिवार को देशभर में गोवर्धन पूजा का महापर्व मनाया जाएगा। भगवान श्री कृष्ण के ब्रज काल से चली आ रही परंपरा के तहत आज गोवर्धन पर्वत पूजा और गौ पूजा की जाती है। इसी कड़ी में हम आपको भारत के उन पांच बड़े मंदिरों के बारे में बता रहे हैं।

Govardhan Puja 2024: आज 2 नवंबर 2024 शनिवार को देशभर में गोवर्धन पूजा का महापर्व मनाया जाएगा। भगवान श्री कृष्ण के ब्रज काल से चली आ रही परंपरा के तहत आज गोवर्धन पर्वत पूजा और गौ पूजा की जाती है। इसी कड़ी में हम आपको भारत के उन पांच बड़े मंदिरों के बारे में बता रहे हैं, जहां अन्नकूट प्रसादे ग्रहण करने के लिए भक्तों की भारी भीड़ उमड़ती है। आज गोवर्धन पूजा महोत्सव के दिन इन मंदिरों में 56 भोग का प्रसाद भी लगाया जाता है। 

गोवर्धन हिल वृंदावन

अन्नकूट के लिए सबसे अहम जगहों में से एक है वृंदावन का गोवर्धन हिल। विश्वभर से भगवान श्री कृष्ण के भक्त यहां आकर 'गोवर्धन हिल' की परिक्रमा करते हैं और गोवर्धन पर्वत की पूजा करते हैं। यह दृश्य गोवेर्धन पूजा महोत्सव के दिन और भी खास हो जाता है। हजारों-लाखों भक्तों की भीड़ इसे विशेष बनाती है। 

बांके बिहारी मंदिर वृंदावन

वृंदावन का बांके बिहारी मंदिर गोवेर्धन पूजा उत्सव के दिन विशेष रूप से फूलों से सुसज्जित होता है। दिनभर आरती और भजन चलते रहते हैं। भगवान को 56 भोग लगता है। विशेष बनाती हैं दुनियाभर से आने वाले भक्तों की भीड़, जो श्री कृष्ण के भजन गाते हुए नाचते है। 

द्वारकाधीश मंदिर गुजरात

द्वारका में स्थित द्वारकाधीश मंदिर भी गोवर्धन पूजा के दिन भक्तों से सरोबार रहता हैं। मंदिर में अन्नकूट प्रसादी काफी विशेष बनती है, जिसे ग्रहण करने के लिए भक्तों की लंबी कतारें देखने लायक होती है। मंदिर परिसर में ही मिठाइयों और नमकीन से गोवर्धन पर्वत की आकृति निर्मित की जाती है। 

इस्कॉन मंदिर दिल्ली 

गोवर्धन पूजा का भव्य आयोजन देखने के लिए आप दिल्ली के इस्कॉन मंदिर जा सकते हैं। यहां मिठाइयों से गोवर्धन पर्वत की आकृति बनायी जाती है। मंदिर परिसर में कीर्तन, भक्ति नृत्य और भजनों से माहौल बड़ा मनमोहक हो जाता हैं। यह मंदिर श्री कृष्ण के भक्तों को आकर्षक करता है। 

जगन्नाथ मंदिर पुरी

उड़ीसा के पुरी में स्थित जगन्नाथ मंदिर में गोवर्धन पूजा धूमधाम से होती है। मंदिर में भगवान जगन्नाथ को अन्नकूट का भोग लगाया जाता है। मंदिर में प्राचीन परम्पराओं का निवेश देखने को मिलता है, जो काफी आकर्षक है। यहां आध्यात्मिक भक्ति और सांस्कृतिक समृद्धि का अनूठा संगम दिखाई देता है। 

डिस्क्लेमर: यह जानकारी सामान्य मान्यताओं पर आधारित है। Hari Bhoomi इसकी पुष्टि नहीं करता है।
 

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