Hariyali Amavasya 2024: (आकांक्षा तिवारी) हिन्दू धर्म में अमावस्या तिथि का काफी महत्व माना जाता है। सावन महीने के कृष्ण पक्ष की अमावस्या को हरियाली अमावस्या पड़ती है। सावन माह भगवान शिव की पूजा-अर्चना और साधना के लिए बहुत ही पवित्र माना जाता है क्योंकि यह भगवान शिव को बहुत प्रिय है। इस अमावस्या को विशेष तौर पर स्थान दिया गया है। यह अमावस्या विशेष रूप से पितरों को समर्पित है। इसके अलावा इस दिन कालसर्प योग शांति, पितृ दोष शांति के लिए भी बेहद पुण्यदायी माना जाता है। मान्यता है कि हर अमावस्या की तरह इस अमावस्या के दिन स्नान- दान और पूजा पाठ का विशेष लाभ प्राप्त होता है। इसके आलवा इस दिन पितरों को मोक्ष की प्राप्ति होती है।
इस बार हरियाली अमावस्या पर सिद्धि योग, रवि पुष्य योग, सर्वार्थ सिद्धि योग और पुष्य नक्षत्र का शुभ संयोग बन रहा है। धार्मिक मान्यता के अनुसार हरियाली अमावस्या पर विधि-विधान से पूजा-अनुष्ठान करने पर नवग्रहों की शुभता की प्राप्ति होती है। पंचांग के अनुसार, सावन महीने में 4 अगस्त के दिन हरियाली अमावस्या है। लेकिन इस तिथि का आरंभ 03 अगस्त की दोपहर को हो जाएगा, तो ऐसे में व्रत कब रखा जाएगा। इसको लेकर सभी के मन में प्रश्न चल रहा है। धर्मगुरुओं के मुताबिक हरियाली अमावस्या का व्रत रविवार 4 अगस्त को उदयातिथि के अनुसार रखा जाएगा। इस दिन दान करने से सभी पापों का नाश होता है और ग्रहों के दोषों से भी मुक्ति मिलती है।
शुभ मुहूर्त
हरियाली अमावस्या की तिथि का आरंभ शनिवार यानी 03 अगस्त 2024 की दोपहर 03 बजकर 50 मिनट पर होगा। जबकि इसका समापन रविवार 4 अगस्त 2024 की शाम 04 बजकर 42 मिनट पर होगा।
पूजा विधि
- इस दिन सुबह जल्दी उठकर पवित्र स्नान करें। संभव हो तो इस दिन नदी या कुंड में स्नान करें।
- स्नान के बाद में सूर्य देव को अर्घ्य देना चाहिए।
- इस दिन बरगद या पीपल के वृक्ष पर जल और दूध को अर्पित करें।
- इस के बाद वृक्ष पर चीनी, चावल और फूल अर्पित करें।
- ‘ॐ पितृभ्य: नम: ‘मंत्र का जाप करें और शाम को सरसों के तेल का दीपक जलाएं।
- अमावस्या के दिन गरीब को दान- दक्षिणा देना न भूलें।
- हरियाली अमावस्या के दिन कौवे, चींटियों, कुत्तों और गाय को खाना जरूर खिलाएं।