(रुचि राजपूत)
Bhog Ko Khana Chahiye ya Nahi : सनातन धर्म में देवी देवताओं की पूजा अर्चना और भक्ति करने की परंपरा सदियों पुरानी है। हिन्दू धर्म को मानने वाले सभी लोगों के घर में कोई न कोई देवी-देवता स्थापित होते हैं। सभी लोग उनकी पूजा-अर्चना करने के साथ उनके भोग का भी ध्यान रखते हैं। देवी-देवताओं को प्रसन्न रखने के लिए उन्हें तरह तरह के भोग-पकवान चढ़ाए जाते हैं. पूजा समाप्ति के बाद उस भोग का क्या करना चाहिए आइए जानते हैं हरदा के रहने वाले पंडित एवं ज्योतिषी धर्मेंद्र दुबे से.
भोग लगाने की विधि
1. हम सभी के घरों में जो देवी देवता स्थापित होते हैं। उनकी पूजा करने के साथ ही उन्हें भोग लगाना बहुत ज़रूरी होता है। भगवान को भोग लगाते हुए हिन्दू धर्म शास्त्रों में बताए गए नियमों का पालन करना चाहिए। ऐसा नहीं करने से देवी-देवता उस भोग-पकवान को स्वीकार नहीं करते हैं।
2. मान्यताओं के अनुसार जब भगवान को भोग लगाया जाए तो उनकी थाली या उनके बर्तन अलग से होने चाहिए। जिस थाली में आप खाना खाते हैं, उस थाली में भगवान को भोग नहीं लगाना चाहिए। ऐसा भोग अशुद्ध माना जाता है।
3. भगवान को भोग लगाने के बाद उस मंदिर के आगे पर्दा डाल कर थाली को ढक देना चाहिए। ऐसा करने के पीछे उद्देश्य है कि भगवान के खाने को किसी की नज़र न लगे और वह शांतिपूर्ण तरीक़े से भोग को ग्रहण करें।
4. देवी-देवताओं को भोग लगाते समय इस बात का ध्यान भी रखना चाहिए कि भगवान के भोग को कभी भी सीधा ज़मीन पर नहीं रखना चाहिए, बल्कि इसके लिए किसी चौकी या मंदिर में लगा कोई स्टैंड का इस्तेमाल कर सकते हैं। ज़मीन पर रखा गया भोग भगवान स्वीकार नहीं करते हैं।
कितनी देर बाद खाना चाहिए भगवान का भोग?
मान्यता है कि भगवान को भोग अर्पित करने के बाद कम से कम 15 मिनट से आधे घंटे के बाद आप उस भोग को प्रसाद के रूप में ग्रहण कर सकते हैं। जिस तरह हम अपना खाना स्वाद लेकर धीरे धीरे खाते हैं। ठीक उसी तरह भगवान को भी भोग खाने का समय देना चाहिए।
भगवान को चढ़े भोग को उसारने के तुरंत बाद खा लिया जाना चाहिए।