Richest Temples in India: भारतीय परंपरा और सनातन संस्कृति में मंदिरों का विशेष महत्व है। यह हमारी आस्था के साथ समृद्ध धार्मिक विरासत के भी प्रतीक हैं। नेशनल सैंपल सर्वे ऑर्गेनाइजेशन (NSSO) के मुताबिक भारत में ‘टेंपल इकोनॉमी’ 3.02 लाख करोड़ (40 बिलियन डॉलर) की है। हर साल यह तेजी से बढ़ रही है। भारत में वैसे तो 5 लाख से ज्यादा मंदिर हैं, लेकिन इनमें से कुछ मंदिर ऐसे हैं, जहां हर साल करोड़ों का चढ़ावा आता है। आइए जानते हैं कि भारत के 10 सबसे अमीर मंदिरों के बारे में जो कई राज्यों की जीडीपी से भी ज्यादा संपत्ती रखते हैं।
देश के प्रसिद्ध मंदिर और उनकी वार्षिक आय
मंदिर | राज्य | वार्षिक आय |
तिरुपति वेंकटेश्वर मंदिर | आंध्रप्रदेश | 1450-1613 करोड़ |
पद्मनाभस्वामी मंदिर | केरल | 650-700 करोड़ |
स्वर्ण मंदिर | पंजाब | 500 करोड़ |
वैष्णो देवी मंदिर | जम्मू कश्मीर | 400 करोड़ |
शिरडी साई मंदिर | महाराष्ट्र | 400 करोड़ |
अयोध्या राम मंदिर | उत्तर प्रदेश | 400 करोड़ |
जगन्नाथ मंदिर, पुरी | ओड़िशा | 230-240 करोड़ |
सिद्धि विनायक मंदिर | महाराष्ट्र | 100-150 करोड़ |
अक्षरधाम मंदिर | नई दिल्ली | 60-100 करोड़ |
सोमनाथ मंदिर | गुजरात | 50-100 करोड़ |
तिरुपति वेंकटेश्वर मंदिर
अवध विवि के प्रो विनोद श्रीवास्तव ने बताया कि वार्षिक आय के मामले में आंध्र प्रदेश का तिरुपति वेंकटेश्वर मंदिर सबसे आगे है। इस मंदिर की सालाना आय 1600 करोड़ है। दान के अलावा भी यहां आय के अन्य स्रोत हैं। भगवान विष्णु को समर्पित यह मंदिर अपने चमत्कारों और रहस्यों के लिए प्रसिद्ध है। यहां हर साल 650 करोड़ के करीब दान आता है। मंदिर ट्रस्ट के पास 9 टन सोने के भंडार और 14 हजार करोड़ के फिक्स्ड डिपाजिट हैं।
पद्मनाभस्वामी मंदिर, केरल
केरल राज्य की राजधानी तिरुवनंतपुरम स्थित पद्मनाभस्वामी मंदिर देश में सर्वाधिक संपत्ति वाला मंदिर है। एक रिपोर्ट के अनुसार, मंदिर की 6 तिजोरियों में 20 अरब डॉलर की संपत्ति है। इतना ही नहीं, मंदिर के गर्भग्रह में भगवान विष्णु की सोने की मूर्ति विराजी है, जिसकी कीमत 500 करोड़ रुपए बताई जाती है। मंदिर के खजाने में हीरे और सोने के जेवर और मूर्तियां भी शामिल हैं।
स्वर्ण मंदिर, पंजाब
पंजाब के अमृतसर स्थित स्वर्ण मंदिर को दरबार साहिब भी कहते हैं। इस मंदिर में सोने की मूर्तियां, सोना, पन्ना, प्राचीन चांदी, हीरे और पीतल की कीमती वस्तुए हैं। मंदिर का गुंबद 24 कैरेट सोने से बना है। मंदिर की सालाना आय 500 करोड़ के करीब है। यह सिख पंथ का प्रमुख धर्मस्थल है। यहां रोजाना 50 हजार से एक लाख श्रद्धालु मुफ्त भोजन (लंगर) करते हैं। लंगर में 7000 क्विंटल गेहूं, 1300 किलो दाल, 1200 किला चावल और 500 किलो मक्खन उपयोग होता है।
वैष्णो देवी मंदिर, जम्मू कश्मीर
जम्मू-कश्मीर के कटरा में वैष्णव देवी का प्रसिद्ध मंदिर है। इस मंदिर में हर साल लाखों श्रद्धालु देवी दर्शन के लिए देश-दुनिया से आते हैं। मन्नतें पूरी होने पर वह दिल खोलकर दान भी करते हैं। मिडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, वैष्णो देवी मंदिर की वार्षिक आय 500 करोड़ के करीब है। जम्मू की अर्थव्यवस्था में वैष्णव देवी के भक्तों का अहम योगदान है। मंदिर में महाकाली, महासरस्वती और महालक्ष्मी गुफा में विराजी हैं।
अयोध्या राम मंदिर
अयोध्या राम मंदिर में प्रतिदिन हजारों भक्त रामलला के दर्शन के लिए आते हैं। इस दौरान वह दिल खोलकर दान भी करते हैं। गत वर्ष में रामलला को विभिन्न मध्यमों से 363 करोड़ का दान मिला। ब्याज मिलाकर श्रीराम मंदिर की सालाना आय 400 करोड़ तक पहुंच गई। जो कि वैष्णोदवी, शिरडी साई मंदिर और स्वर्ण मंदिर की सालाना आय के बराबर है।
शिरडी साई मंदिर, महाराष्ट्र
महाराष्ट्र के अहमदनगर में सांई बाबा का प्रसिद्ध मंदिर है। जो शिरडी के साईं मंदिर के नाम से भी मशहूर है। इस मंदिर की सालाना आय 400 करोड़ रुपए है। यह देश का तीसरा सबसे अमीर मंदिर है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, शिरडी साईं मंदिर के बैंक एकाउंट्स में 380 किलो सोना, 4 हजार किलो चांदी, विभिन्न देशों की मुद्राएं समेत बड़ी मात्रा में धन जमा हैं। मंदिर के खाते में 1,800 करोड़ रुपए कैश भी जमा है।
जगन्नाथ मंदिर, पुरी, उड़ीसा
ओड़िशा के पुरी स्थित जगन्नाथ मंदिर देश का प्रमुख तीर्थ स्थल है। 11वीं शताब्दी में स्थापित यह मंदिर चार धाम यात्रा का हिस्सा है। मंदिर ट्रस्ट के पास 30 हजार एकड़ ज़मीन है। जबकि, मंदिर की वार्षिक आय 240 करोड़ के आसपास है। जगन्नाथ मंदिर में एक रत्नभंडार है। जहां भगवान जगन्नाथ, बलभद्र और सुभद्रा के बेशकीमती आभूषण और दुर्लभ रत्न रखे हुए हैं। यह रत्नभंडार जुलाई 2024 में 46 साल खोला गया था। मंदिर प्रबंधन ने जौहरी को बुलाकर रत्नों की कीमत आंकने को कहा, लेकिन अंदाजा नहीं लगा सके।
सिद्धि विनायक मंदिर, महाराष्ट्र
महाराष्ट्र के मुंबई में स्थित सिद्धिविनायक मंदिर भगवान गणेश को समर्पित है। प्रभादेवी मोहल्ले में स्थित इस मंदिर की वार्षिक आय 150 करोड़ के करीब है। यहां हर साल लाखों भक्त दर्शन के लिए आते हैं। जो बड़ी मात्रा में चढ़ावा भी चढाते हैं। सिद्धिविनायक मंदिर में हर साल करीब 125 करोड़ का दान आता है।