kalashtami Vrat 2024: (आकांक्षा तिवारी)हिन्दू धर्म में कालाष्टमी व्रत का काफी महत्व माना गया है। इस व्रत में काल भैरव की पूजा-आराधना की जाती है। जो भगवान शिव के सबसें उग्र रूप है। कालाष्टमी व्रत हर महीने के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि पर रखा जाता है। मान्यता है कि इस दिन भगवान काल भैरव प्रकट हुए थे, इसलिए इस को कालाष्टमी कहा जाता है। भगवान काल भैरव को तंत्र-मंत्र का देवता भी कहा जाता है। मान्यता के अनुसार जो भक्त काल भैरव की पूजा करते हैं, उन्हें दुख और दरिद्रता से छुटकारा मिलता है।

पंचांग के अनुसार, सावन महीने में शनिवार 27 जुलाई को है, लेकिन कालाष्टमी तिथि का आरंभ रात को होगा, तो ऐसे में व्रत कब रखा जाएगा। धर्मगुरुओं के मुताबिक कालाष्टमी का व्रत रविवार 28 जुलाई को उदयातिथि के अनुसार रखा जाएगा। सावन माह भगवान शिव पूजा-अर्चना और साधना के लिए बहुत ही पवित्र माना जाता है क्योंकि यह भगवान शिव को बहुत प्रिय है। कालाष्टमी के दिन काल भैरव की उपासना के साथ ही महादेव की पूजा की जाती है। इस दिन दान करने से सभी पापों का नाश होता है और ग्रहों के दोषों से भी मुक्ति मिलती है।
 
शुभ मुहूर्त
तिथि का आरंभ शनिवार यानी 27 जुलाई 2024 की रात 09 बजकर 19 मिनट पर होगा। जबकि इसका समापन रविवार 28 जुलाई 2024 की रात 07 बजकर 27 मिनट पर होगा। 
 
पूजा विधि

  • इस दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और भगवान काल भैरव का ध्यान करके व्रत का संकल्प लें। 
  • पूजा से पहले सूर्य देव को अर्घ्य दें।
  • पूजा के लिए भगवान काल भैरव की प्रतिमा को चौकी पर स्थापित करें। 
  • पूजा में सरसों के तेल का दीपक जलाएं।
  • इसके बाद पूजा में भगवान को फूल, फल, अक्षत धूप आदि अर्पित करें। 
  • पूजा करते हुए शिव चालीसा या शिव स्त्रोत का पाठ करें। 
  • आखिर में भगवान शिव और उनके रूप काल भैरव के मंत्रों का जाप करें और आरती करें।